हाईकोर्ट के पूर्व जज ने जताया जज लोया की मौत पर संदेह
बोले- सोहराबुद्दीन केस में रिहाई आदेश की जांच हो
नई दिल्ली: गुजरात के चर्चित सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी डीआईजी डीजी बंजारा और अहमदाहबाद क्राइम ब्रांच के डीएसपी नरेंद्र के अमीन को जमानत देने वाले बॉम्बे हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस अभय एम थिप्से ने जज बीएच लोया की संदिग्ध मौत मामले में संदेह जताया है और सामान्य ज्ञान के विपरीत कुछ घटनाओं पर उंगली उठाई है। जस्टिस अभय एम थिप्से ने अपने रिटायरमेंट के लगभग सालभर बाद कहा है कि जज लोया की मौत के बाद उपजे हालातों के मद्देनजर उन्होंने सोहराबुद्दीन केस में जज लोया और अन्य जजों द्वारा दिए गए फैसलों को दोबारा पढ़ा था और यह समझने की कोशिश की थी कि उसमें सबकुछ सामान्य है या कुछ असामान्य। इंडियन एक्सप्रेस से खास बातचीत में जस्टिस थिप्से ने कहा कि उन्हें इस मामले में कुछ गड़बड़ी नजर आई है जिस पर हाईकोर्ट को जांच के आदेश देने चाहिए। जस्टिस थिप्से ने सख्त टिप्पणी करते हुए सोहराबुद्दीन मामले को न्यायतंत्र की विफलता भी करार दिया है।
जस्टिस थिप्से ने कहा कि जज लोया की मौत के बाद उपजे विवादों के संदर्भ में उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस में एक खबर पढ़ी थी जिसमें गवाह अपने बयान से मुकर रहे थे। केस में बढ़ती उलझनों को देखकर ही उन्होंने सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ में दिए गए आदेशों को पढ़ा तो पाया कि उसमें कई असामान्य चीजें हैं। हालांकि, जस्टिस थिप्से ने जज लोया की मौत पर कोई टिप्पणी तो नहीं की लेकिन इतना जरूर कहा कि वह अप्राकृतिक था। इसके साथ ही जस्टिस थिप्से ने जज लोया की सीडीआर (फोन कॉल डिटेल्स रिपोर्ट) को देखा जाना चाहिए।