RSS ने हर मंत्रालय और विभाग में बिठा रखे है अपने लोग: राहुल गांधी
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर एक बार फिर हमला बोला है. राहुल ने आरोप लगाया कि यह सरकार आरएसएस चला रही है और उसने हर मंत्रालय और विभाग में अपने लोग बिठा रखा है.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले चार दिनों की अपनी यात्रा के आखिरी चरण में राहुल ने बिजनेस लीडर्स और प्रोफेसनल्स से बातचीत में कहा, 'आरएसएस सरकार चल रही है. उसने अपने लोग हर जगह बिठा रखे हैं. यहां तक मंत्रालयों में सचिव की नियुक्ति भी आरएसएस ही करती है.'
राहुल ने आरोप लगाया कि नीति आयोग तक में आरएसएस के लोग हैं. उन्होंने कहा, 'बीजेपी हिंदुस्तान के हर इंस्टीट्यूशन को कैप्चर करने की कोशिश कर रही है. आरएसएस अपने लोगों को हर इंस्टीट्यूशन में डालने की कोशिश कर रही है. भारत की विदेश नीति की भी इस कारण दुर्गती हुई है. चीन हमारे सभी पड़ोसी सार्क देशों पर धाक जमा चुका है और भारत अलग-थलग पड़ चुका है.'
कांग्रेस अध्यक्ष ने यहां व्यापारियों को भरोसा दिलाया कि कांग्रेस अगर 2019 में सत्ता में वापसी करती है, वे 'बेहद जटिल' जीएसटी कानून में सुधार करेंगे. उन्होंने कहा, 'अभी जीएसटी दरें बेहद ऊची हैं. हम टैक्स स्लैब को नीचे लाएंगे.' उन्होंने इसके साथ ही आरोप लगाया कि नोटबंदी भी रिजर्व बैंक (आरबीआई) नहीं, बल्कि आरएसएस का फैसला था.
बता दें कि कांग्रेस की कमान संभालने के बाद से ही राहुल गांधी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर लगातार हमलावर रहे हैं. दो दिन पहले ही राहुल ने सेना को लेकर दिए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर उनकी आलोचना की थी और उनसे माफी की थी वे अपने बयान माफी मांगे.
राहुल ने ट्वीट कर कहा था, 'आरएसएस चीफ का यह बयान हर भारतीय का अपमान है, क्योंकि उन्होंने देश के लिए जान देने वालों का असम्मान किया है. यह देश झंडे का भी अपमान है, क्योंकि तिरंगे को सलाम करने वाले सैनिकों का अपमान किया गया है. भागवत को सेना और शहीदों का अपमान करने के लिए शर्म आनी चाहिए.'
बता दें कि बिहार के मुझफ्फरपुर में एख कार्यक्रम के दौरान संघ प्रमुख ने कहा था, 'यह हमारी क्षमता है पर हम सैन्य संगठन नहीं, पारिवारिक संगठन हैं, लेकिन संघ में सेना जैसा अनुशासन है. यदि देश को जरूरत पड़े और संविधान और कानून की इजाजत हो तो सेना तैयार करने में भले ही 6 माह का समय लग जाए, लेकिन संघ के स्वयंसेवक 3 दिनों में देश के लिए तैयार हो जाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने भारत-चीन के युद्ध की चर्चा करते हुए कहा कि जब चीन ने हमला किया था तो उस समय संघ के स्वयंसेवक सीमा पर सेना के आने तक डटे रहे.
वहीं भागवत के इस बयान पर संघ की तरफ से भी आई सफाई में कहा गया कि भागवत के बयान को संदर्भ से हटकर पेश किया गया है. संघ की तरफ से जारी बयान में कहा गया, 'मोहन भागवत भारतीय सेना की तुलना आरएसएस से नहीं कर रहे थे. हकीकत में उन्होंने कहा था कि आर्मी अपने जवानों को तैयार करने में 6 महीने का समय लेती है. अगर आरएसएस ट्रेनिंग दे तो सैनिक 3 दिन में स्वयंसेवक भी बन सकते हैं.'