कल्पना के परे व अद्भुत्ता के प्रतीक हैं शहीद सूबेदार जोगिन्दर सिंह
हृदय को झकझोड़ देने वाली है फिल्म सूबेदार जोगिन्दर सिंह की मेकिंग
सेवन कलर्स मोशन पिक्चर्स के बैनर के तले बनी बायोपिक सूबेदार जोगिन्दर सिंह के टीजर के बाद अब मेकिंग वीडियो जारी किया गया है, जो हृदय को झकझोड़ कर देने वाली है। इसमें निर्माताओं ने सूबेदार जोगिन्दर सिंह के हर पहलू को अक्षुण रखा है। इस बारे में फिल्म के डायरेक्टर समरजीत सिंह ने कहा कि सूबेदार जोगिन्दर सिंह फिल्म की शूटिंग को महज चुनौतीपूर्ण कहना लाज़मी नहीं होगा, क्योंकि ऑन लोकेशन परिस्थितियां कल्पना से परे थी। इस फिल्म की शूटिंग सूरतगढ़ की तपाने देने वाली गर्मी से लेकर द्रास सेक्टर की कपाने देने वाली ठण्ड तक में हुई है।
उन्होंने कहा कि शहीदों के बलिदानों को भूलना आसान हैं, इसलिए इस फिल्म ने सूबेदार जोगिन्दर सिंह के शौर्य को वापस जीवित कर दिया है। हमने इस फिल्म को बनाने के लिए ज़मीन आसमान एक कर दिया। समरजीत सिंह के अनुसार, इस फिल्म की मेकिंग विडियो सबके रौंगटे खड़े कर देने वाली हैं। द्रास का थर्रा देने वाला ठंडा वातावरण एक तरफ तो दूसरी तरफ सूरतगढ़ की चिलचिलातीधूप और गर्मी, दोनों ही निर्माता दल का हौसला पस्त नहीं कर पाई। परम वीर चक्र विजेता सूबेदार जोगिन्दर सिंह की जीवनी पर आधारित यह फिल्म विश्वभर में 06 अप्रैल 2018 को रिलीज़ होगी।
गौरतलब है कि परम वीर चक्र विजेता सूबेदार जोगिन्दर सिंह की कहानी सन 1962 का भारत चीन युद्ध पर बेस्ड है। यह युद्ध की शौर्य गाथा और हमारे वीरों का बलिदान पूरे राष्ट्र को गौरवान्वित करता है। यह युद्ध उस समय हुआ था, जब भारत आजादी और बटवारे के बाद दोबारा अपने पैरो पर खड़ा हो रहा था। पुराने घाव अभी भरे भी नहीं थे कि तभी अक्टूबर 1962 के आखिर में चीन ने भारत के विरुद्ध युद्ध का बिगुल फूंक दिया। इसकी भारत ने कभी कल्पना भी नहीं की थी, क्योंकि यह दोनों देश दोस्ती का प्रायवाची माने जाते थे। पर यह मित्रता का स्वांग सामने तब आया जब चीन ने लद्दाख के अक्साई चिन से लेकर नेफा तक एक साथ हमला बोल दिया।
इस आकस्मिक हमले का हिन्दुस्तानी सेना ने हिम्मत और जज्बे के साथ सामना किया। इसी दौरान बुमला क्षेत्र के तोंग्पें ला इलाके स्थित आईबी रिज पर पहली सिख रेजिमेंट को तैनात किया गया। भले ही चीनी भारतीयों से संख्या बल में अधिक थे, पर यह बात डेल्टा कम्पनी की ग्यारहवीं पलटन के कमांडर सूबेदार जोगिन्दर सिंह के इरादों को पस्त नहीं कर पाई। जब चीनिओं ने हमला बोला 200-200 टुकड़ी में तब सिख रेजिमेंट ने उनका डट कर सामना तो किया। धीरे धीरे उनमें से काफी वीरगति को प्राप्त हो गए थे या उनका असला भी खत्म होने की कगार पर था। यही नहीं सूबेदार जोगिन्दर सिंह को खुद जांघ पर गोली लगी थी, फिर भी उन्होंनेना तो मैदान छोड़ा और ना ही घुटने टेके।
सेवन कलर्स मोशन पिक्चर्स के बैनर तले इसी कहानी को पर्दे पर उतारा गया है, जिसके बदौलत इसने आधुनिक प्रतिष्ठित निर्माता कम्पनिओं में अपना नाम दर्ज कर लिया हैं। आज के दौर में जहां हलकी फुलकी फिल्में बना कर पैसे बनाने का रिवाज़ हो गया हैं, वहीं इस निर्माता कम्पनी नें बीड़ा उठाया राष्ट्र महत्व की इस फिल्म को बनाने का जो की पूरी देश के लिए गौरवपूर्ण बात है। सूत्रों को हवाले से पता चला हैं कि सेवन कलर्स मोशन पिक्चर्स एकमात्र ऐसी निर्माता कम्पनी हैं जो स्क्रिप्ट लिखने से लेकर फिल्म (थिएट्रिकल एवं डिजिटल) रिलीज़ करने तक का सारा बीड़ा उठाती हैं।