‘गेम चेंजर’ नहीं बल्कि ‘नेम चेंजर’ है सरकार: आज़ाद
नई दिल्ली: रोजगार, सीमाओं एवं महिलाओं की सुरक्षा, सामाजिक सद्भाव, कूटनीति सहित तमाम मोर्चों पर भाजपा नीत केंद्र सरकार के विफल रहने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने आज कहा कि उसे नया इंडिया नहीं चाहिए और वह चाहती है कि पुराना भारत ही लौटा दिया जाए जहां सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव हो. राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस सरकार ने समाज को विभिन्न हिस्सों में बांट दिया है. सरकार ने पहले विपक्ष की पार्टियों को बांट दिया और फिर शिया व सुन्नी में विभाजन कर दिया गया तथा अब परिवारों को बांटने की कोशिश कर रही है. सरकार के ‘‘न्यू इंडिया’’ नारे पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि इस नए भारत के बदले हमें पुराना भारत ही लौटा दिया जाए. हमें महात्मा गांधी का भारत चाहिए जहां हिंदू और मुस्लिम एक दूसरे के लिए खून दें और जहां लोगों में डर तथा खौफ नहीं हो.
उन्होंने कहा कि नेताओं को फोन टैपिंग का भी भय है. उन्होंने छोटी छोटी बच्चियों के साथ दुष्कर्म की कई घटनाओं का भी जिक्र किया और कहा कि सरकार ने इसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुयी चर्चा में भाग लेते हुए आजाद ने सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि यह सरकार ‘‘गेम चेंजर नहीं बल्कि नेम चेंजर’’ है. उन्होंने कहा कि यह सरकार ‘‘रि.पैकेजिंग’’ में माहिर है और पुरानी योजनाओं का ही नाम बदल कर उन्हें अपनी नयी योजनाएं बता रही है. भाजपा का उपहास करते हुए उन्होंने कहा कि अगर वह सत्ता में नहीं भी रही और दुनिया में कहीं भी रि-पैकेजिंग की निविदा निकलेगी तो निश्चित तौर पर भाजपा को ही मिलेगी. आजाद ने इस क्रम में पूर्ववर्ती कांग्रेस तथा संप्रग सरकारों द्वारा शुरू की गयी योजनाओं का जिक्र किया और कहा कि इस सरकार ने उनका नाम बदल दिया. उन्होंने कहा कि जन धन योजना इस सरकार की महत्वाकांक्षी योजना रही है और उसका कहना है कि इस योजना के तहत 31 करोड़ खाते खोले गए.
उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि 24 करोड़ से ज्यादा खाते संप्रग कार्यकाल में ही खोले गए थे और इस सरकार के समय सिर्फ करीब सात करोड़ खाते ही खुले. उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि कौन योजनाएं नयी है. कश्मीर मुद्दे का जिक्र करते हुए आजाद ने कहा कि इस मुद्दे पर पूरा देश, सभी पार्टियां आपके साथ है. उन्होंने कहा कि 2014 के आम चुनाव के पहले भाजपा तत्कालीन संप्रग सरकार पर कमजोर सरकार होने का आरोप लगाती थी. लेकिन जम्मू कश्मीर में सीमाओं पर जो स्थिति है, उससे लगता है कि यह पिछले 70 साल की सबसे कमजोर सरकार है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा बार बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया जा रहा है और बडी संख्या में हमारे जवान तथा आम नागरिक मर रहे हैं. उन्होंने सरकार पर कूटनीति के मामले में भी विफल रहने का आरोप लगाया और कहा कि अजहर मसूद के मामले में भी चीन के कारण आप कुछ नहीं कर पाए. उन्होंने कहा कि इस सरकार की बुनियाद जिसके आधार पर बनी, उनमें 2-जी मुद्दे की अहम भूमिका थी और सैंकड़ों सभाओं में तत्कालीन संप्रग सरकार को काफी भ्रष्ट बताया गया. लेकिन अब सीबीआई अदालत ने उसी 2-जी मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है.
उन्होंने कहा कि बोफोर्स भी ऐसा ही मामला था जिसमें कांग्रेस के खिलाफ तत्कालीन सभी विपक्ष एक हो गया था. उन्होंने इस क्रम में पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत वी पी सिंह का भी नाम लिया और कहा कि वह हर सभा में एक कागज निकाल कर दिखाते थे. लेकिन बोफोर्स मुद्दे पर विपक्ष की कई सरकारें बन गयी लेकिन वह कागज जेब से बाहर नहीं निकल सका. अब उच्चतम न्यायालय में कहा गया है कि इस मामले में कोई सबूत नहीं है. वंशवाद मुद्दे को लेकर भाजपा द्वारा कांग्रेस पर निशाना साधे जाने का जिक्र करते हुए आजाद ने कहा कि जिस परिवार की बात की जा रही है, उसका कोई सदस्य पिछले 29-30 साल से प्रधानमंत्री तो क्या, मंत्री भी नहीं रहा है, सरकार में नहीं रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा को उन नेताओं से तो डर था ही, अब उनके बच्चे से भी डर रही है. तीन तलाक के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि हम इसका समर्थन करते हैं लेकिन इसे अपराध घोषित करने के खिलाफ हैं. इसे अपराध घोषित कर देने के कारण पति को जब जेल हो जाएगी तो उसके परिवार की देखभाल कौन करेगा.
तुष्टीकरण के भाजपा के आरोप पर आजाद ने कहा कि अब दूसरे तरीके से तुष्टीकरण हो रहा है जहां हर ठेका व अन्य काम एक ही पार्टी के आदमी को मिलेगा. हर गरीब के खाते में 15 लाख रूपए और हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने के भाजपा के वायदों का जिक्र करते हुए आजाद ने कहा कि अब 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात की जा रही है. उन्होंने इसे किसानों के लिए एक और लॉलीपॉप कहा कि बजट में एक साल की बात होती थी लेकिन इसमें चार साल की बात की जा रही है ताकि चुनाव से पहले सवालों का जवाब नहीं देना पड़े. डीजल, पेट्रोल और गैस की कीमतों का जिक्र करते हुए आजाद ने कहा कि संप्रग सरकार में गैस की कीमतों में 10 रूपए की वृद्धि होने पर भारत-बंद का आयोजन किया जाता था लेकिन इस सरकार ने कच्चे तेल की कीमतों में भारी कमी के बाद भी उपभोक्ताओं को इसका लाभ नहीं दिया. शौचालयों का जिक्र करत हुए उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट का जिक्र किया और कहा कि बड़ी संख्या में शौचालय चालू नहीं है और पानी की कमी जैसी कई समस्याओं की ओर ध्यान ही नहीं दिया गया.