बिना संविधान की इज्जत किये देशप्रेम सिर्फ एक ढोंग: सय्यद अशरफ किछौछवी
ग़ालिब एकेडमी ने किया "हम हिन्दुस्तानी" कार्यक्रम का आयोजन
दिल्ली: ग़ालिब एकेडमी बस्ती निज़ामुद्दीन में आज आल इंडिया उलमा व मशाईख बोर्ड की दिल्ली शाखा द्वारा "हम हिन्दुस्तानी"(We The Indians) नाम से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में मुख्य उपस्थिति आल इंडिया उलमा व मशाइख़ बोर्ड एवं वर्ल्ड सूफी फोरम के अध्यक्ष सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी की रही. विशिष्ट अतिथि के तौर पर मलेशिया से पधारे शेख इस्माईल कासिम सहित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ख्वाजा मोहम्मद इकरामुद्दीन रहे। कार्यक्रम में बोलते हुए सय्यद अशरफ किछौछवी ने कहा कि बिना संविधान की इज्जत किये देशप्रेम सिर्फ एक ढोंग है, उन्होंने साफ कहा कि हमें अपनी लोकतांत्रिक प्रणाली को और मज़बूत करना होगा, इसमें विश्वास को बनाए रखना होगा क्योंकि हमारी गंगा जमनी तहज़ीब को जिस तरह नफरत की आग से खतरा है वह बहुत डरावना है, अगर यह तहज़ीब ख़तम हुई तो न कहीं कानून का राज होगा न कहीं लोकतंत्र, हम जिस आज़ादी की बात कर रहे हैं वह एक मज़ाक़ के सिवा कुछ नहीं होगा ,उन्होंने कहा कि देश को बचाने का अपनी आज़ादी को बरकरार रखने का सिर्फ एक रास्ता है मोहब्बत का, वह भी सबके लिये ,नफरत सड़कों पर जिस तरह घिनौनी तस्वीर पेश कर रही है वह मुल्क के लिऐ बुरा है. हमें मुल्क को आगे बढ़ाना है इसके लिए ज़रूरी है अपनी मिली जुली संस्कृति की हम रक्षा करें. संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करें । मलेशिया से तशरीफ लाए वर्ल्ड शहादा काउंसिल के अध्यक्ष हज़रत शेख इब्राहिम क़ासीम ने कहा, भारत एक अद्भुत देश है, पूरे संसार में ऐसा अनुपम उदाहरण नहीं मिलता जहां इतने धर्म एक साथ मिलजुल कर रहते हैं, उन्होंने बोर्ड को धन्यवाद देते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि आपने अपने गणतंत्र दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में मुझे बुलाया ताकि इस प्यारे देश को मैं अपनी मोहब्बत का नज़राना पेश कर सकूं। प्रोफेसर ख्वाजा मोहम्मद इकरामुद्दीन ने कहा, देश में जिस तरह का तरह माहौल बनाया जा रहा है वह हमारे संवैधानिक ढाँचे के लिए खतरनाक है, लोग धार्मिक आधार पर नफरत का व्यापार कर रहे हैं, देश को बचाने के लिए बुद्धिजीवी वर्ग को भी आगे आना होगा. उन्होंने लोगों को सोशल मीडिया की ताकत से रूबरू कराते हुए कहा कि जहां यह विकास प्रतीक है वहीं गलत इस्तेमाल से सबसे बड़ा खतरा है. लिहाज़ा हमें होशियार रहना होगा। कार्यक्रम को हज़रत सय्यद फरीद अहमद निज़ामी ने भी खिताब किया. उन्होंने कहा कि देश सूफी संतों का है इसे आग लगाने की कोशिश की जा रही है, हमें उनके जानशीन होने का हक़ अदा करना है और नफरतों से मुल्क बचाना होगा। कार्यक्रम संचालन मौलाना मुख्तार अशरफ ने किया, कार्यक्रम में राष्ट्रगान हुआ और सलातो सलाम के बाद मुल्क की सलामती अमन और तरक्की की दुआ की गई।