2019 तक भारत के 77% मजदूरों के पास नहीं होंगी ढंग की नौकरी: ILO
नई दिल्ली:रोजगार बढ़ाने की समस्या से जूझ रही मोदी सरकार के लिए बुरी खबर आई है. अंतरराष्ट्रीय मजदूर संघ (ILO) की रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2019 तक भारत में 77 फीसदी कामगारों के पास ढंग की नौकरी नहीं होगी. रिपोर्ट के अनुसार आर्थिक विकास बेहतर रहने के बावजूद जो नौकरियां पैदा होंगी, वह खराब क्वालिटी की होंगी. आईएलओ का कहना है कि इसकी मार एशिया पैसिफिक इलाके के तकरीबन आधे कामगारों पर पड़ेगा. इसका असर कुल 90 करोड़ लोगों पर होगा. रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में भारत के 53.5 करोड़ कामगारों के पास 39.86 के पास कोई बेहतर नौकरी नहीं होगी.
अंतरराष्ट्रीय मजदूर संघ ने 'वर्ल्ड इम्प्लॉयमेंट एंड सोशल आउटलुक' रिपोर्ट में कहा है कि 2017 से 2019 में भारत सहित दक्षिण एशियाई देशों में करीब 2.3 करोड़ नौकरियां पैदा होंगी. रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान भले ही आर्थिक विकास बेहतर रह सकता है, लेकिन ये बेहतरी नौकरियों के मामले में नहीं दिखेगी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में दक्षिण एशिया के 72 फीसदी, दक्षिण पूर्व एशिया के 46 फीसदी और पूर्वी एशिया के 31 फीसदी कामगारों के पास कोई अच्छी नौकरी नहीं होगी. हालांकि अन्य सभी देशों के मुकाबले भारत की स्थिति ज्यादा चिंताजनक है.
माना जा रहा है कि कि सरकार इस साल के बजट में भी रोजगार के मोर्चे पर बड़ी घोषणा कर सकती है.ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार इस साल के बजट में रोजगार नीति की घोषणा कर सकती है. यह नीति न सिर्फ देश में रोजगार के नये मौके पैदा करने का रोडमैप तैयार करेगी, बल्कि यह रोजगार देने वाले को भी प्रोत्साहित कर सकती है.