समृद्धि और शांति चाहिए तो भारत आएं, डेवोस में बोले पीएम मोदी
नई दिल्ली: स्विटजरलैंड के दावोस में चल रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में पीएम मोदी ने 20 साल बाद भारत का प्रतिनिधित्व कर भारत की बढ़ती वैश्विक धाक का परिचय करा दिया. विश्व आर्थिक मंच पर प्रधानमंत्री का सभी मुद्दों पर बेबाकी से बोलना ये बताता है कि अब वैश्विक पटल पर भारत की छवि बेहतर होने लगी है और दुनिया के सामने मजबूत स्तंभ के रूप में खड़ा हो रहा है. वैसे तो पीएम मोदी ने अपने भाषण आंतकवाद से लेकर जलवायु परिवर्तन सरीखे कई बातों का जिक्र किया, मगर भाषण खत्म करते-करते उन्होंने इशारों-इशारों में विदेशी निवेशकों को भारत में आने का निमंत्रण भी दे दिया.
पीएम मोदी ने वहां मौजूद वैश्किक बिजनेस लीडर्स से आव्हान किया कि अगर वे वेद के साथ वैल्यूज (मूल्य) चाहते हैं, अगर आप वेल्थ के साथ वेलनेस चाहते तो भारत में आइये, खेल के साथ वेलनेस (तंदुरुस्ती) चाहते हैं और समृद्धि के साथ शांति चाहते हैं तो वे भारत आएं. प्रधानमंत्री ने ये बातें कह कर निवेशकों को साफ इशारा कर दिया कि अब भारत के साथ व्यापार करने और यहां निवेश करने के लिए माहौल अनुकूल है.
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी बहुमत की सरकार है. काफी समय बाद भारत में करोड़ों मतदाताओं ने बहुमत की सरकार चुनी है. हमने रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म की नीतियों के बदलने की कवायद की है. हमने भारत में किसी तरह का काम करना आसान बना दिया है. इसी का नतीजा है कि भारत में निवेश करना, कारोबार करना, टूरिज्म के लिए जाना इत्यादि पहले की तुलना में बहुत आसान हो चुका है. पारदर्शिता बढ़ाने के लिए हम तकनीक का भरपूर इस्तेमाल कर रहे है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में रेड टेप हटाकर रेड कार्पेट बिछाया जा रहा है. ज्यादातर क्षेत्रों में ऑटोमैटिक रूट के जरिए विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी गई है. भारत में बीते तीन साल के अंदर सैकड़ों पुराने और बेकार हो चुके कानून को हटाने का काम किया है. यही वजह है कि देश में पार्दर्शिता को बढ़ाने के लिए देश में जीएसटी लागू किया गया है, जिसकी स्वीकार्यता भारत के लोगों ने दी है.
पीएम मोदी ने कहा कि अब भारत के युवा 2025 में 5 मीलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में योगदान देने के लिए सक्रिय हैं. भारत के युवा जॉब सीकर नहीं जॉब गिवर बनेंगे. इस तरह से देखा जाए तो भारत में निवेशकों को लुभाने के लिए हिसाब से पीएम मोदी ने अपने भाषण के जरिये तीर चल दिया.