अपने जन्मदिन पर शिवपाल ने किसानों और युवाओं एकजुट होने का दिया संदेश

लखनऊ: कभी समाजवादी पार्टी के सिरमौर की हैसियत रखने वाले शिवपाल सिंह यादव आज काफी समय से पार्टी में साइडलाइन हैं, बावजूद इसके शिवपाल के समर्थकों का हौसला जरा भी कुंद पड़ता दिखाई नहीं दिया है। उनके 63वें जन्मदिन पर आज शनिदेव मंन्दिर परिसर में जहां उनके कट्टर समर्थकों में शुमार विनोद पाण्डेय एडवोकेट ने हर वर्ष की भांति इस बार भी शिवपाल के जन्मदिन पर केक काटा वहीं एक विशाल भण्डारे का आयोजन भी किया गया।

शानिदेव मन्दिर परिसर में जन्मदिन की पूर्व संध्या पर यर्थाथ गीता पाठ का आयोजन किया गया, जिसकी शुरूआत खुद शिवपाल सिंह यादव ने की, उनके समर्थक व कार्यक्रम के आयोजक विनोद पाण्डेय ने बताया कि जन्मदिन के उपलक्ष्य में शिवपाल सिंह यादव ने आज यथार्थ गीता पाठ का समापन कराया, वहीं अपने समर्थकों के बीच शिवपाल सिंह यादव ने मंदिर परिसर में ही केक काट कर जन्मदिन मनाया। इस अवसर पर शिवपाल यादव ने कार्यकर्ताओं को बंसत पंचमी की शुभकामनाएं देते हुये कहा कि आज का दिन बहुत शुभ है। शिवपाल यादव ने कहा कि यह संघर्ष करने का समय है, उन्होंने किसानों और युवाओं के लिए नये विकल्प की बात भी कही, उन्होंने कहा कि इस बारे में बहुत जल्द बड़ा फैसला लिया जायेगा जो सभी समाजवादियों को एकजुट करने का काम करेगा। हलांकि पत्रकारों द्वारा किसी राजनैतिक पार्टी को ज्वाइन करने की बात को उन्होंने मात्र अफवाह करार दिया। वहीं शिवपाल के समर्थक एडवोकेट विनोद पाण्डेय ने कहा कि शिवपाल सिंह यादव ने भले ही अभी तक कोई निर्णायक कदम नहीं उठाया हो लेकिन उनके समर्थक आसानी से हार मानने को तैयार नहीं हैं।

इस बार राजधानी लखनऊ में शिवपाल सिंह यादव के जन्मदिन पर सैकडों की संख्या में लगे होर्डिग-पोस्टर व बैनर से मुलायम व अखिलेश गायब रहे, जिसको लेकर भी राजनीतिक हलकों में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। श्री पाण्डेय ने कहा कि वह शिवपाल ंिसंह यादव का जन्मदिन बीते कई सालों से सतत् संघर्ष दिवस के रूप में मनाते चले आ रहे हैं, जो हर साल जारी रहेगा। कार्यक्रम के अवसर पर विश्व गुरू स्वामी श्री अड़गड़ानन्द जी महाराज द्वारा रचित यर्थाथ गीता की हिन्दी, उर्दू व अग्रंजी का निःशुल्क वितरण किया गया। तो वहीं विशाल भण्डारे का आयोजन भी किया गया। पार्टी में पूरी तरह अखिलेश यादव का अधिपत्य हो जाने के बाद से शिवपाल समर्थक पहली बार अपने नेता को केंद्र में रखकर सक्रिय हुए हैं। इसे शिवपाल के उन बयानों से जोड़कर भी देखा जा रहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि जल्द ही नेताजी से निर्देश लेकर वह कोई निर्णायक कदम उठाएंगे।