नई दिल्ली: फिल्म 'पद्मावत' की रिलीज रोकने के लिए राजस्थान और मध्य प्रदेश की ओर से दी गई पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा. दोनों राज्यों की मांग है कि इस फिल्म को रिलीज करने के फैसले पर तुरंत रोक लगाई जाए क्योंकि इससे कानून व्यवस्था भंग हो सकती है. इससे पहले राजस्थान ने कहा था कि ये फिल्म 'संस्कृति पर चोट' बताया था. आपको बता दें कि करणी सेना के नेताओं के साथ एक बैठक के बाद राजस्‍थान के गृहमंत्री कटारिया ने कहा था सरकार का मानना है कि आमजन की भावनओं का ध्यान रखा जाये. वहीं मध्य प्रदेश की तरफ से कहा गया है कि अगर कानून व्यवस्था की दिक्कत आती है तो राज्य सरकार को फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने का अधिकार दिया जाए क्योंकि फिल्म से शांति भंग होने की आशंका है. राज्यों को कानून के तहत ये अधिकार है कि वो ऐसे हालात में फिल्म पर बैन लगा सकता है. लेकिन 18 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने चार राज्यों में फिल्म के बैन के नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी थी.

गौरतलब है कि फिल्म पद्मावत में कई तरह की कांट-छांट के बाद सेंसर बोर्ड ने रिलीज करने की अनुमति दी थी लेकिन उसके बाद भी राजपूत समुदाय और करणी सेना की ओर से लगातार प्रदर्शन कर रहा है. चित्तौडगढ़ में सैंकडों महिलाओं ने जौहर स्वाभिमान रैली निकाली. रैली के दौरान कुछ महिलाओं ने हाथों में तलवारें थाम रखी थी और उन्‍होंने कहा कि अगर पद्मावत फिल्‍म पर रोक नहीं लगाई गई तो वह जौहर करेंगी. कुल 1908 महिलाओं ने चित्तौड़गढ़ में जौहर करने के लिए रजिस्‍ट्रर किया है.