‘‘चोर की दाढ़ी में तिनका ‘‘
विधानसभा चुनाव में अर्श से फर्श पर आई समाजवादी पार्टी को लगा कि योगी सरकार को बदनाम करने के लिए कुछ नया गुल खिलाया जाये। परिवारवाद पर भ्रष्टाचार पर तो सरकार का बाल बांका नहीं किया जा सकता। तब ऐसा क्या किया जाए कि सांप भी मर जाए लाठी भी न टूटे। विनाश काले विपरीत बुद्धि। चले थे हरि भजन को ओटन लगे कपास, सर मंुडाते ही ओले पडे। प्लान बनाकर सरकार को बदनाम करने की, किसान विरोधी बताने की कोशिश की गई। कोल्ड स्टोर से आलू खरीदा गया, वाहनों पर लादा गया और लखनऊ में लाकर सड़कों पर रात के अंधेरे में डाल दिया। सुबह होते ही हल्ला मचाने लगे कि किसानों ने परेशान होकर अपना आलू सड़को पर डाल रोष प्रकट किया है। किसान बहुत परेशान है। योगी सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। मीडिया में जोर-शोर से प्रसारित करने की होड़ लग गई। सपा-बसपा-कांग्रेस ने किसान विरोधी सरकार बताने मंे कडी, मेहनत कर डाली। सरकार की ओर से कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि यह सरकार के खिलाफ साजिश है। इसका किसानों से कोई लेना देना नहीं है। सरकार के उपमुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने भी इसे साजिश ही बताया। मुख्यमंत्री योगी जी ने कहा कि सरकार ने पहले ही आलू का समर्थन मूल्य घोषित कर दिया है। जरूरत पडने पर इसे बढाया जा सकता है। यह सब बाते सरकार को कहनी पड़ी क्योंकि लखनऊ के वीवीआईपी इलाके में मुख्यमंत्री कार्यालय के तथा राजभवन के सामने रात के अंधेरे में कोल्ड स्टोर से खरीद गया आलू समाजवादी पार्टी सम्बन्ध रखने वालों ने डाला था। ये बाते तब समझ में आई जब पुलिस ने छानबीन कर मामले से पर्दा उठाया। राजधानी में सीसीटीवी लगे है उनको खगांला गया तो आलू डालने वाली गाडी देखी गयी उसके आगे पिछे वाली गाडी भी आलू डालते देखी गई। कडी मशक्त कर पुलिस ने साजिशकर्ताओं को पकड लिया। अब मरता क्या न करता कि कहावत समाजवादी करते देख गए कि आलू किसान परेशान है उनकी जगह पुलिस आलू डालने वालो को पकड रही है। हद तो तब हो गई जब पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ के पुलिस कप्तान को खरी खोटी सुनाते हुए देख लेने की धमक तक दे डाली। तंज कसा कि सपा सरकार बनने पर उनको यश भारती सम्मान से नवाजा जाएगा। टीवी डिबेटस में समाजवादी पार्टी नेता बगले झाकते नजर आये। कैसे हुआ यह सब इस पर पुलिस ने क्या कहा एक नजर डालते है। सपा नेताओं ने राजधानी की सड़को पर फेंका था आलू। मुख्यमंत्री आवास, राजभवन और विधानसभा के सामने आलू फंेकने के पीछे समाजवादी पार्टी के कुछ नेताओं की साजिश थी। लखनऊ के पुलिस कप्तान दीपक कुमार ने बताया कि सरकार को बदनाम करने के लिए आलू फेंका गया था। इस प्रकरण में सपा के कई नेताओं के नाम समाने आये है। इनमें कन्नौज की सपा जिला पंचायत अध्यक्ष शिल्पी कटियार के पति संजू कटियार, सपा के ही नगर पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी रहे, जय कुमार तिवारी एंव शिवेन्द्र सिंह उफ कुक्कु चैहान समेत तमाम लोग शामिल है। फिलहाल यह सभी फरार है। मामले में गत् शुक्रवार को पुलिस ने कन्नौज के वाहन चालक और सपा नेताओं के एक करीबी को पकड़ा था। एसएसपी के अनुसार 6 जनवरी को आलू फेंकने की घटना के बाद पुलिस ने इसकी जांच सी0ओ0 हजरतगंज अभय कुमार मिश्रा को दी। मिश्रा ने इसकी जांच की तो दूध का दूध और पानी का पानी सब सामने आ गया। पड़ताल के दौरान मोबाइल नम्बरों की लोकेशन व सीसीआर के आधार पर पुलिस को अहम जानकारी प्राप्त हुई। जांच में विधानभवन, राजभवन व मुख्यमंत्री आवास के आस-पास घटना के वक्त कन्नौज व लखनऊ के कई सपा नेताओं की लोकेशन मिली। साक्ष्यों के आधार पर पता चला कि शिवेन्द्र सिंह उर्फ कुक्कु, संदीप उर्फ रिक्की यादव, दीपेन्द्र सिंह चैहान, संजू कटियार, प्रदीप सिंह उर्फ बंगाली प्रधान तथा जय कुमार तिवारी उर्फ बडे बउवन समेत अन्य ने कन्नौज में साजिश रची थी। आरोपित दीपेन्द्र कुक्कु चैहान का सगा भाई हैै। पुलिस का कहना है कि सभी आरोपित घटना के पूर्व लाल बहादुर शास्त्री मार्ग स्थित भवन में ठहरे थे। वहीं पकडे गए। आरोपित संतोष का कहना है कि यह भवन सपा कि एक शाखा से सम्बन्धित हैं। पुलिस के मुताबिक फेंके गए आलू कुक्कु और संजू ने पुरानी ठठीया स्थित सतीश जाटव के कोल्ड स्टोरेज से खरीदे थे। 5 जनवरी को आलू खरीदे गए। आठ गाडियां में आलू लादे गए। ये सब पिकप गाडियां थी। ठठीयिा स्थित कोल्ड स्टोरेज से सभी गाडियां एक साथ लखनऊ के लिए निकली, कुक्कु चैहान कि फाच्र्युनर गाडी आगे आगे चल रही थी। एक के पिछे एक कई लग्जरी गाडियों का काफिला लखनऊ आया था। यहां 6 जनवरी को भोर में वीवीआईपी इलाके में आलू गिराया गया। अन्य की भूमिका की जांच भी पुलिस कर रही है। पुलिस के अनुसार इस पूरी साजिश में किन लोगो ने सहयोग किया और साजिश में कौन कौन शामिल थे इसकी जांच जारी हैं। हजरगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज है। सभी आरोपियों ने मोबाइल फोन बंद कर रखे है। पुलिस टाइट है जल्द ही सबको पकड लेगी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने अखिलेश यादव को आडे हाथों लेते हुए कहा कि आलू के बहाने सरकार को बदनाम करने की सपा की साजिश बेनाकाब हुई है। अपनी राजनीति चमकाने के लिए ऐसा करने वालों का यह कृत्य अपराध है। किसानों का सारा आलू अगर कोल्ड स्टोरेज से निकल गया है तो फिर फेंका गया आलू किसानों का कैसे हो सकता है। ऐसा करते समय यह भी ध्यान नहीं रखा गया कि इस पर फिसल कर लोंगो की जान भी जा सकती थी। लोग घायल तो हो ही गए। किसानों को, नौजवानों को बदनाम करना सपा की पुरानी आदत है। इसके पूर्व लखनऊ विश्वविद्यालय हो या काशी हिन्दू विद्यापीठ सभी जगह सपा ने शामिल होकर अपनी भूमिका निभाई है। लखनऊ विश्वविद्यालय के सामने मुख्यमंत्री योगी जी के काफिले पर हमला किया गया था। सपा ने सदन में सीटी बजाकर और कागज के गोले फेंककर सदन की गरिमा को तार-तार करने की कोशिश की थी। गेस्ट हाउस कांड के किरदार भी सपा के ही लोग थे। कानून व्यवस्था बिगाडने की सपा की साजिश समय रहते एक बार फिर पुलिस ने बेनकाब कर दी।
अराजक तत्वों का जमवाड़ा बनकर रह गई है सपा। सपा सरकार को ऐसे ही जनता ने जंगलराज और गुण्डाराज की सजा नही दी थी। कुछ भी कहो चोर की दाढ़ी में तिनका तो है ही।
(नरेन्द्र सिंह राणा)
प्रदेश प्रवक्ता भाजपा