नई दिल्ली: तेलंगाना के यादरी भुवनागिरी जिले के चिन्नाकंदूकुरू गांव में दलितों के साथ गोरक्षा के नाम पर की गई हिंसा के खिलाफ भूख हड़ताल की गई। पीड़ितों और चश्मदीदों के मुताबिक सोमवार (14 जनवरी) की रात कुछ मोटरसाइकिल सवार हाथों में डंडे लेकर आए, गांव वालों को पीटकर उनके घरों में तोड़फोड़ मचाई और एक दुधारू गाय को चुरा ले गए। लेकिन मामला गुरुवार (18 जनवरी) को प्रकाश में आया। मामले में बीजेपी और आरएसएस के आदमियों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गांव वाले संक्राति के त्योहार को मनाने के लिए इकट्ठा हुए थे। इसमें मडीगा समुदाय के बुजुर्ग भी शामिल थे। चश्मदीदों के मुताबिक परंपरा के अनुसार एक गाय का वध करने की तैयारी चल रही थी। लेकिन हमलावरों ने उनके जश्न में खलल डाल दी।

एक चश्मदीद ने बताया- ”हम एक गाय का वध करने वाले ही थे कि तभी अचानक मोटरसाइकिलों पर सवार लोग आ धमके। करीब 20-30 लोग हाथों में डंडे लेकर हम पर हमला करने आए थे। हम लोग अंधेरे की तरफ भागे, लेकिन हम में से कुछ लोग उनकी पकड़ में आ गए और हमलावरों ने उन्हें बेरहमी से मारा पीटा और अपशब्द कहे।” चश्मदीद ने आगे कहा- ”उन्होंने हमसे कहा कि क्या तुम मुस्लिम हो जो गोमांस खाते हो?” एक और चश्मदीद ने बताया कि गांव वाले एक कमजोर गाय का वध करके त्योहार मनाते हैं, यह परंपरा हिस्सा है। लेकिन उन लोगों (हमलावरों) ने कहते हुए हमला कर दिया कि यह काम उनकी आस्था के खिलाफ है।