अनुमति देने के बजाये धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने में जुटे हैं अधिकारी: मौलाना क़ासमी
कानपुर:-धार्मिक व सार्वजनिक स्थानों से लाउडस्पीकर हटाने के आदेश व इजाज़त लेने के बीच चल रही कार्रवाइयों से सरकार व प्रशासनिक अधिकारियों में तालमेल न होने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, कुछ अधिकारी लोगों के दिल दुखाने का कारण बन रहे हैं, सरकार को चाहिए कि वह स्पष्ट घोषणा करे ताकि जनता में किसी तरह की बेचैनी पैदा न हो और जमीअत उलमा के सदस्य व पदाधिकारी जहां परेशानियां आ रही हैं प्रतिनिधिमंडल के साथ जाकर मामले को हल कराएं , उक्त विचारों को जमीअत उलमा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक उसामा क़ासमी ने व्यक्त किया है।
मौलाना उसामा क़ासमी ने कहा कि कुछ स्थानों से खबरें आ रही हैं कि अनुमति लेने के लिए फार्म भरने के बाद भी कुछ प्रशासनिक अधिकारी धार्मिक स्थानों पर अनुमति देने का काम करने के बजाय लाउडस्पीकर हटाने पर ध्यान दे रहे हैं और अनुमति देने में अज़ान के समय पर विचार नहीं कर रहे हैं, जिस से परेशानी पैदा हो रही है। मौलाना ने कहा कि जब सभी धर्मों के लोग अदालत के आदेश को बनाए रखते हुए अनुमति लेने की कोशिश कर रहे हैं, किसी प्रकार की कोई कलह नहीं हो रही है, ऐसे हालात में उन्नाव, हरदोई, बहराइच, मेरठ, बागपत समेत कई जिलों विषेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकारियों की नासमझी और माइक उतरवाना व बंद करने की जिद से माहौल खराब होने का खतरा बन रहा है सरकार को इस पर तत्काल ध्यान देना चाहिए और जो अधिकारी गड़बड़ी कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। प्रदेश के विभिन्न जिलों के गांवों व कस्बों से फोन पर लगातार शिकायतें मिलने के बाद मौलाना उसामा क़ासमी ने जमीअत के सदस्यों से कहा कि जहां कहीं भी परेशानी हो रही है वहाँ के लोगों के साथ प्रतिनिधिमंडल के रूप में अधिकारियों से मिल कर मामले को हल कराएं और माहौल को शांतिपूर्ण रखने के लिए अपना पूरा समर्थन प्रदान करें।