लखनऊ में इज़राईली प्रधानमंत्री की भारत यात्रा का ज़ोरदार विरोध
लखनऊ: इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू की भारत यात्रा के विरोध में गाँधी प्रतिमा, जीपीओ पर एक सभा का आयोजन किया गया. फ़िलिस्तीन के पक्ष में वैश्विक एकजुटता में अपनी भागीदारी करते हुए इज़राइल की दमनकारी, ज़ियोनवादी और साम्राज्यवादी नीतियों के खिलाफ़ सभा की गयी.
इस सभा में एस आई ओ, यूथ मैंडेट, स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया, आल इंडिया वर्कर्स कौंसिल, AIDSO, सत्याग्रह फाउंडेशन समेत अन्य लोग शामिल थे| सभा को संबोधित करते हुए एस आई ओ के ज़ोनल अध्यक्ष मो आसिफ अकरम ने कहा कि हमें तिजारत और मुनाफा खोरी से ज़्यादा मानवता प्यारी है। हम मानवता को शर्मसार होते हुए नहीं देख सकते है, इस समय देश में एक ज़ालिम बादशाह का स्वागत किया जा रहा है, जो निंदनीय है, हम इस बात का विरोध करते हैं और फिलिस्तीन के मज़लूमों के लिए अपना समर्थन पेश करते हैं।
एस आई ओ के प्रांतीय महसचिव मो राशिद ने भी सभा को संबोधित किया। उनहोंने कहा कि हमें इस समय राष्ट्र पिता महात्मा गांधी कि उस बात को याद करना चाहिये जिस में उनहों ने सपष्ट शब्दों में कहा था कि जिस प्रकार से फ्रांस फ़्रांसीसियों का है, इंग्लैंड अंग्रेज़ों का है, उसी प्रकार से फिलिस्तीन अरबों का है, इसी लिए किसी और को उसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
यूथ मैंडेट के सदस्य अरग़वान रब्बही ने कहा कि फ़िलिस्तीन का मुद्दा सिर्फ़ मुसलमानों का मुद्दा नहीं है, ये मुद्दा अरब से जुड़ा है जिसमें मुसलमान भी हैं और ईसाई भी और कुछ दूसरे धर्म के लोग और सबसे बड़ी बात ये है कि ये मुद्दा इंसानियत का मुद्दा है. उन्होंने कहा कि अगर ये ज़्यादतियाँ किसी और समाज के साथ होतीं तो भी हम इसी तरह यहाँ जमा होते।
लखनऊ विश्विद्यालय के छात्र नवाज़ ने कहा कि नेतान्याहू के हाथ फ़िलिस्तीनी बच्चों के ख़ून से सने हैं, जो काम हिटलर ने यहूदियों के साथ किया वही नेतान्याहू फ़िलिस्तीनी लोगों के साथ कर रहे हैं. लखनऊ विश्विद्यालय के छात्र वैभव मिश्रा ने इस बारे में कहा कि बेंजामिन नेतान्याहू एक सौदागर हैं और वो भारत में हथियारों का सौदा करने आये हैं जबकि उन्होंने भेष प्रधानमंत्री का लिया हुआ है.
स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के प्रवीण पांडे ने कहा कि नेतान्याहू साम्राज्यवादी देशों का प्रतिनिधि है और ऐसे देश के मुखिया का स्वागत करना या ऐसे देश के साथ किसी भी तरह का कूटनीतिक सम्बन्ध होना भारत जैसे देश के लिए निंदनीय है।
इस अवसर पर यूथ लीडर अमीक जामई, इंटेग्रल विश्वविद्यालय के छात्र अब्दुल्लाह शहीमी, अब्शारुद्दीन, फैसल, साकिब, आसिम, राहुल, हुस्न आरा, वैभव समेत अन्य छात्र व युवा उपस्थित थे।