जातिवाद से देश मजबूत नहीं होने वाला: संजय जोशी
कलीम भारतीय सहित तेरह लोग हुये सम्मानित
लखनऊ । देश में बढ़ रहे जातिवाद पर कड़ा प्रहार करते हुये राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एवं भाजपा नेता संजय जोशी ने आज यहां कहा कि देश को मजबूत और आत्मबल बनाने के लिये सभी वर्गों को एकजुट होना होगा। श्री जोशी आज यहां सामाजिक समरसता मंच के तत्वाधान में स्वामी विवेकानन्द जयन्ती पर राष्टवाद एवं भारतीय संस्कृति समरसता का मूलमंत्र विषय पर आयोजित सामाजिक समरसता सम्मेलन एवं विचारगोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे। यहां रिवरबैंक कालोनी स्थित आईएमए भवन के ऑडीटोरियम में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये श्री जोशी ने देश में बढ़ते जातिवाद पर कहा कि इससे देश मजबूत नहीं बल्कि कमजोर हो रहा है, और जब तक देश के सभी वर्ग के लोग चाहे वह युवा हो या बुजुर्ग सभी को जातिवाद को भुलाकर देशहित में एकजुट होना होगा तभी देश मजबूती की राह पर पहुंच सकेंगे, उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि देश के चन्द धनाढ्य पूंजीपतियों के भरोसे देश में मजबूती नहीं आ सकती है, इसमें आम लोगों की भूमिका काफी अहम है। मुख्य वक्ता श्री जोशी के सम्बोधन से पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ परिसर में संक्रान्ति के मौके पर हवन और उसके बाद दीप प्रज्जवलन से हुयी। इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर गुजरात भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और भाव नगर के सांसद राजेन्द्र ङ्क्षसह राणा सहित कई प्रमुख लोग मौजूद थे। इस कार्यक्रम के शुभारम्भ पर श्री जोशी के हाथों तेरह लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिये शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। जिनमें वैज्ञानिक एवं रंगमंच कलाकार अनिल रस्तोगी, कवि मनोवृत्त बाजपेयी, अखिल भारतीय गौ रक्षा महासंघ के अध्यक्ष कलीम भारतीय, मनकामेश्वर मन्दिर वार्ड के दो बार के पार्षद रहे रंजीत सिंह, रोमा जोजफ, प्रीती पाण्डेय, डा. सूर्यकान्त, श्याम सिंह, राम किशन कनौजिया, पूर्व आईपीएस महेन्द्र मोदी, आशा सिंह, अशोक मौर्या, राम कैलाश, मनीष पेड़ वाले बाबा, नाजनीन और रईसखान प्रमुख रहे। इससे पहले कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद और गुजरात प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राणा ने सामाजिक समरसता सम्मेलन एवं विचार गोष्ठी में सम्बोधित करते हुये कहा कि सहभोज के सहजभोग के सूत्र को अपनाने से सामाजिक समरसता आयेगा। भारत को विश्वगुरू बनाना हे तो राष्ट्र देवता यानि भारत माता की पूजा करनी होगी। समाज का कोई व्यक्ति भूखा न रहे, इसकी जिम्मेदारी अकेले सरकार की नहीं पूरे समाज की है। स्वामी विवेकानन्द ने इसी मिशन के मद्देनजर राम कृष्ण मिशन की स्थापना की है। दरिद्र नारायण के सेवा नारायण सेवा से कम नहीं है। श्री राणा ने कहा कि समस्याओं का हल राजनीति में है, ऐसा सोचना गलत है। मेरा देश बदल रहा है, हमें बदलना होगा। मानव को केन्द्र में लाकर काम करना पड़ेगा। दिन में कम से कम एक अच्छा काम करने, एक इंसान की मदद करन की जिस दिन आदत बन जायेगी, देश को आगे बढने से कोई रोक नहीं पायेगा। सेल्फी लेकर शांत होने की प्रवृत्ति विकास नहीं है।