यूपी डायल 100 सेवा से 858 लोग आत्महत्या करने से बचे
रिस्पांस टाइम 44 मिनट से घटकर साढ़े 15 मिनट हुआ
लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस की इमरजेंसी सेवा यूपी 100 ने अपने एक साल पूरे होने पर जो आंकड़े पेश किए हैं, वे काफी उत्साहजनक दिख रहे हैं.
दावा है कि एक साल में रिस्पांस टाइम 44 मिनट से घटकर साढ़े 15 मिनट हो गया है. वहीं इस दौरान प्रदेश में 858 लोगों को आत्महत्या करने से बचाने का आंकड़ा भी पेश किया गया.
यूपी 100 को शुरू करने का श्रेय पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को दिया जाता है. विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान अखिलेश यादव ने यूपी की कानून व्यवस्था को सुधारने में यूपी 100 की भूमिका का ज़ोरशोर से प्रचार किया.
बीजेपी सरकार ने भी यूपी 100 को ज़रूरी संसाधन देकर मज़बूत किया. आज यूपी 100 की स्थापना के एक साल पूरे होने पर यूपी 100 बिल्डिंग में स्थापना दिवस का आयोजन हुआ. इस मौके पर एडीजी यूपी 100 आदित्य मिश्रा ने इस सेवा में बेहतर काम करने वालों को सम्मानित किया.
इनमें बरेली के हरविंदर सिंह को भी सम्मानित किया गया. हरविंदर ने रेलवे ट्रैक टूटे होने की सूचना देकर एक बड़ी घटना को होने से बचाया था.
यूपी 100 के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में एक साल में उन्हें आत्महत्या की 15,954 शिकायतें मिलीं, जिसमें से 858 लोगों को आत्महत्या करने से पहले ही यूपी 100 के पुलिसकर्मियों ने बचा लिया.
यूपी 100 को साल भर में 47 लाख शिकायतें फोन पर मिलीं, जिनमें सबसे ज्यादा करीब 85 प्रतिशत सिर्फ पड़ोसियों से झगड़े की थी. दूसरे नंबर पर घरेलू हिंसा और तीसरे नंबर पर संपत्ति विवाद की शिकायतें मिलीं.
घरेलू हिंसा के शिकार सबसे ज्यादा सीनियर सिटीजन पाए गए. एक दिलचस्प आंकड़े के मुताबिक 7566 शिकायतें ऐसी मिलीं, जिसमें पतियों ने पत्नी पर पीटने का आरोप लगाया था. त्योहारों पर शिकायतों का ग्राफ तेजी से बढ़ता दिखाया गया.
एक दिन में 12,500 शिकायतों का औसत था तो अकेले होली के दिन 24513 शिकायतें मिलीं. यूपी 100 ने गांवों की डिजिटल बाउंड्री बनाई है, जिसकी मदद राजस्व विभाग भी लेता है.