पुरुष की सही परिभाषा समझाने के लिये बड़ो बहू और अखिलेश में हुआ दंगल
महासंगम और महा-एपिसोड देखना हमेशा से ही रोमांचक रहा है! जब दो चर्चित शोज का संगम होता है और उनकी बिलकुल जुदा दुनिया टेलीविजन पर मनोरंजन का जश्न मनाने के लिये एक साथ आते हैं तो वह बेहद ही मनोरंजक होता है। एंड टीवी के ‘मेरी हानिकारक बीवी’ और ‘बढ़ो बहू’ के शौकीन दर्शकों को कुछ ऐसा ही अनुभव मिलने वाला है। नसबंदी जैसे विषय, जिस पर भारतीय समाज आज भी बात करने से कतराता है, उसे दिखाकर ‘मेरी हानिकार बीवी’ जहां मिथकों को तोड़ रहा है, वहीं ‘बढ़ो बहू’ 100 किलो बहू, बढ़ो के इर्द-गिर्द घूमता है, जिसे अपने पहलवान पति को अपना बनाने के लिये कई सारी परेशानियों और मुश्किलों से होकर गुजरना पड़ा है।
इस पूरे अनुभव को और बेहतरीन बनाने के लिये महासंगम एपिसोड में बढ़ो (रिताशा राठौर) को ट्रेनिंग के लिये मुंबई जाते हुए दिखाया जायेगा। जबकि, शहर में पहुंचने पर उसकी मुलाकात अखिलेश (करण सूचक) से होती है। अखिलेश को कुश्ती की चुनौती देने के दौरान उसने उसे इस बात का अहसास भी कराया कि पुरुष के होने का मतलब सिर्फ पिता बनना नहीं होता। बढ़ो ने बताया कि पुरुष होने का मतलब है कि जिंदगी में चुनौतियों और समस्याओं का और भी सकारात्मकता के साथ सामना करना।
करण सूचक ने इस बारे में कहा, ‘‘रिताशा के साथ उनके बढ़ो अवतार में शूटिंग करना बहुत ही अद्भुत अनुभव था। हम दोनों अपने-अपने शो में पहलवानों की भूमिका निभा रहे हैं, हमने इस खेल के बारे में अपने अनुभव बांटे और एक-दूसरे को इस बारे में कुछ सुझाव भी दिये।’’ इसमें अपनी बात जोड़ते हुए रिताशा ने कहा, ‘‘मेरी हानिकारक बीवी’ टीम के साथ शूटिंग करना बहुत ही दिलचस्प और मजेदार अनुभव रहा। यह ‘बढ़ो बहू’ से बहुत अलग हटकर है, क्योंकि यह ड्रैमेडी शो है। टीम में हरेक की काॅमिक टाइमिंग बहुत अच्छी है और काॅमेडी करने में मुझे भी वाकई बहुत मजा आया।