लखनऊ के थानों पर भी चढ़ने लगा ज़ाफ़रानी रंग
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री कार्यालय, हज समीति कार्यालय तथा अन्य सरकारी भवनों के बाद ज़ाफ़रानी रंग अब पुलिस थानों पर भी चढ़ने लगा है. शहर के अस्सी साल पुराने कैसरबाग पुलिस थाने पर ज़ाफ़रानी रंग चढ़ गया है. वैसे विपक्षी दलों की बयानबाजी के बाद हज समीति कार्यालय पर लगे ज़ाफ़रानी रंग को बदल दिया गया है.
योगी आदित्यनाथ के प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश में ज़ाफ़रानी रंग का प्रयोग लगातार बढ़ रहा है. सरकारी पुस्तिकाओं (बुकलेट) से लेकर तौलिये और सरकारी बसों तक पर ज़ाफ़रानी रंग चढ़ चुका है. अब शहर के बीचोंबीच बने कैसरबाग पुलिस थाना इस सूची में नया है. कैसरबाग पुलिस थाना ब्रिटिश जमाने में 1939 में बनाया गया था और यह अपने पारंपरिक पीले और लाल रंग से रंगा था, लेकिन अब अंग्रेजों के जमाने के इस थाने के कुछ खंबे और भवन के कुछ हिस्से को ज़ाफ़रानी (भगवा) रंग में रंग दिया गया है.
कहा जाता है कि ज़ाफ़रानी रंग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पंसदीदा रंग है. मुख्यमंत्री कार्यालय लाल बहादुर शास्त्री भवन को पिछले साल अक्टूबर में ज़ाफ़रानी रंग में पेंट किया गया था. योगी के कार्यालय में उनकी सीट पर भी ज़ाफ़रानी रंग का तौलिया लगा रहता है. हाल ही में योगी ने ज़ाफ़रानी रंग की पचास सरकारी बसों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. इसके अलावा सरकार के 100 दिन पूरे होने पर जो पुस्तिका बुकलेट सरकार द्वारा जारी की गयी थी, वह भी ज़ाफ़रानी थी. यहां तक कि सूचना डायरी जिसमें राज्य सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों के टेलीफोन नंबर होते हैं, वह भी ज़ाफ़रानी रंग में रंगी थी. अभी दो दिन पहले हज समीति के भवन की बाहरी दीवार को भी ज़ाफ़रानी रंग से रंग दिया गया था लेकिन विपक्षी दलों और कुछ मुस्लिम संगठनों के विरोध के बाद इसका रंग बदल दिया गया.