पुणे में हिंसा के खिलाफ मुंबई में दलितों का विरोध प्रदर्शन
मुंबई: पुणे जिले में भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं सालगिरह पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सोमवार को हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. इसके बाद मंगलवार को इसे लेकर मुंबई के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई के उपनगरों थाणे, चेंबूर, मुलुंद में लोग सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
खबरों के मुताबिक मुंबई के गोवंडी और चेम्बूर स्टेशनों पर प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन रोक लिए हैं जिसके चलते लोकल ट्रेन सेवाएं प्रभावित हैं. मुंबई लोकल का हार्बर लाइन भी प्रभावित है.
पुलिस ने बताया कि मुंबई के कई इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने दुकानें बंद करवा दी हैं. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार एक राष्ट्रीय समाचार चैनल के एक पत्रकार पर भी हमला किया गया है.
बता दें कि भीमा-कोरेगांव की लड़ाई में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने पेशवा की सेना को हराया था. दलित नेता इस ब्रिटिश जीत का जश्न मनाते हैं. ऐसा समझा जाता है कि तब अछूत समझे जाने वाले महार समुदाय के सैनिक ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना की ओर से लड़े थे. हालांकि, पुणे में कुछ दक्षिणपंथी समूहों ने इस 'ब्रिटिश जीत' का जश्न मनाए जाने का विरोध किया था.
पुलिस के मुताबिक, जब लोग गांव में युद्ध स्मारक की ओर बढ़ रहे थे तो शिरूर तहसील स्थित भीमा कोरेगांव में पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं. हिंसा तब शुरू हुई जब एक स्थानीय समूह और भीड़ के कुछ सदस्यों के बीच स्मारक की ओर जाने के दौरान किसी मुद्दे पर बहस हुई. इसके बाद पथराव शुरू हुआ. हिंसा के दौरान कुछ वाहनों और पास में स्थित एक मकान को क्षति पहुंचाई गई. हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हुई है. हालांकि, उसकी पहचान और कैसे उसकी मौत हुई इसका अभी ठीक-ठीक पता नहीं चला है. पुलिस ने घटना के बाद कुछ समय के लिये पुणे-अहमदनगर राजमार्ग पर यातायात रोक दिया.
महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मामले की न्यायीक जांच का आदेश दिया है. इसके साथ ही मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है.
दलितों पर हुई हिंसा पर शरद पवार ने कहा, लोग वहां 200 साल से जा रहे हैं. ऐसा कभी नहीं हुआ. सभी को उम्मीद थी कि 200वीं सालगिरह पर ज्यादा लोग जुटेंगे. इस मामले में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.