तलवार से दुश्मन को ख़त्म किया जा सकता है दुश्मनी को नहीं
इस्लाम मोहम्मद के प्यार और समाजसेवा से फैला है: कल्बे जव्वाद
अलीगढ़: दारा शिकोह फॉउन्डेशन के द्वारा जश्न ए ईद मिलाद उन नबी की एक महफ़िल का आयोजन ज़ोहराबाग़ में किया गया जिस,जिसमे प्रदेशभर के उलेमा इकराम शामिल हुए,प्रोग्राम की शुरुआत तिला वत ए क़ुरान कर बहतरीन नात ख्वानी का मुज़ाहेरा हुआ जिसको हुज़ूर की बारगाह में नज़राने अकिदत पेश किया।
कार्यक्रम में मौलाना मुनव्वर साहब ने पड़ोसियों के हक़ूक़ पर रौशनी डालते हुए कहा कि हमको बिना भेदभाव के हमे अपने पड़ोसियों की मदद करनी चाहिए और हमेशा उनके दुःख सुख में शामिल रहना चाहिए। प्रोग्राम की अद्यक्षता सय्यद जमाल अहमद साहब ने की।,
डा नौशाद आलम चिश्ती ने मुल्क में अमन ओ अमान,इत्तेहाद और इत्तेफ़ाक़ पे ज़ोर देते हुए कहा की देश में अमन ओ अमान,भाईचारा कायम रखे।
अंतरराष्ट्रीय धर्म गुरु मौलाना कल्बे जव्वाद साहब ने मज़हब मसलक और सभी धर्मो में आपसी इत्तेहाद पर रौशनी डालते हुए कहा की सभी से मिलजुलकर रहना हमारी संस्कृति और सभ्यता की खास बात रही है और हमे इसे हमेशा क़ायम रखना चाहिए , उन्होंने कहा की पूरी दुनिया में इस्लाम अमन ,सलामती व समाजसेवा से फैला है,तलवार से नहीं फ़ैला। उन्होंने कहा की तलवार से दुश्मन को मिटाया जा सकता है दुश्मनी को नहीं, मोहब्बत से दुश्मनी को ख़त्म किया जा सकता है और इससे भाईचारगी भी क़ायम होती है।
प्रोफ अब्बास नियाज़ी साहब ने कहा की लोगो को ज्यादा से ज्यादा तालीम हासिल करने की ज़रूरत है ताकि लोग सभ्यता से एक दूसरे का हक़्क़ पहचाने।
कार्यक्रम में विशेष तौर पर अली हसनैन नियाज़ी ने संस्कृत जुबान में नात पाक पेश कर सभी का दिल जित लिए,उन्होंने कहा की संस्कृत हमारी सभ्यता की निशानी है और हमारे दिल में बस्ती है।
मौलाना नूर आलम साहब ने मिलाद उन नबी पर तफ्सील से रौशनी डालते हुए कहा की जश्न ए ईद मिलाद मनाना हर मुस्लिम पर फ़र्ज़ है।
प्रोग्राम की आखिर में सय्यद जमाल अहमद साहब ने देश में अमन शांति व खुशहाली,भाईचारगी पर ज़ोर डालते हुए देश की तरक्की की विशेष दुआ की गयी।
दारा शिकोह फॉउन्डेशन के अध्यक्ष मोहम्मद आमिर रशीद ने कार्यकर्म में पधारे सभी लोगो का धन्यंवाद देते हुए देश के मौजूदा हालत पर बात रखते हुए हिन्दू मुस्लिम एकता पर ज़ोर देते हुए हिन्दुओ से दोस्ताना,प्यार बढ़ाने की अपील भी की जिसका की सभी उलेमाओ ने सराहना भी की और इसको वक़्त की ज़रूरत भी बताया।
कार्यक्रम में उर्फी रशीद,परवेज़ अज़ीज़,वसीम अख्तर अज़ीमउद्दीन,डा एम् यू खान,तनवीर रशीद,सलमान,फ़राज़ वली,प्रमोद कुमार,आर एन सिंह,हाजी मोह रशीद कुरैशी का विशेष सहयोग रहा।