धर्मनिरपेक्ष लोगों को अपने मां-बाप के बारे में जानकारी नहीं होती: केंद्रीय मंत्री
नई दिल्ली: केंद्रीय कौशल विकास राज्यमंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने धर्मनिरपेक्षता पर विवादास्पद बयान दे दिया है। कर्नाटक में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील होने का दावा वे लोग करते हैं, जिन्हें अपने मां-बाप के खून का पता नहीं होता है। केंद्रीय मंत्री ने लोगों को खुद की पहचान धर्मनिरपेक्ष के बजाय धर्म और जाति के आधार पर करने की वकालत की है। साथ ही कहा कि इस सोच के साथ संविधान में बदलाव भी किया जा सकता है और इसीलिए हमलोग यहां हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने उनके बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि अनंत हेगड़े पंचायत पद के काबिल भी नहीं हैं।
अनंत हेगड़े कोप्पल जिले के यलबुर्गा में ब्राह्मण युवा परिषद और महिलाओं के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘जो लोग धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील होने का दावा करते हैं, उन्हें अपने मां-बाप और उनके खून के बारे में जानकारी ही नहीं होती है। मुझे बहुत खुशी होगी यदि कोई व्यक्ति खुद की पहचान मुस्लिम, ईसाई, ब्राह्मण, लिंगायत या हिंदू के तौर पर करता है। इस तरह की पहचान से आत्मसम्मान हासिल होता है। समस्या तब उत्पन्न होती है जब कोई खुद को धर्मनिरपेक्ष कहता है।’ सीएम सिद्दरमैया ने कहा कि अनंत हेगड़े को संस्कृति और संसदीय भाषा का ज्ञान ही नहीं है।