वैश्विक शांति में इस्लाम की भूमिका पर दिल्ली में राष्ट्रीय सम्मेलन 23 को
नई दिल्ली। इस्लाम एवं वैश्विक शांति पर राष्ट्रीय सम्मेलन 23 दिसम्बर को दिल्ली के शास्त्री पार्क में मुस्लिम छात्रो के सबसे बड़े संगठन मुस्लिम स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन ऑफ़ इंडिया द्वारा आयोजित होगा जिसमें देश भर के प्रमुख सूफ़ी जानकार एवं उलेमा शिरकत कर रहे हैं। सम्मेलन में विद्वान आम जनता विशेष रूप से युवाओ के साथ इस विषय पर मनन करेंगे कि विश्व में इस्लाम के नाम पर जारी हिंसा को किसी प्रकार जायज़ नहीं ठहराया जा सकता।
यहाँ पत्रकारों में बातचीत में संगठन के अध्यक्ष शुजात अली क़ादरी ने बताया कि पूरी दुनिया में इस्लाम के नाम पर जारी हिंसा के प्रति मुसलमानों ही नहीं बल्कि अन्य समाज को भी विषय की जानकारी होनी चाहिए। इसलिए इस्लाम एवं वैश्विक शांति के नाम से आयोजित इस सम्मेलन में हम इस बात की मीमांसा करेंगे कि इस्लाम एवं सूफ़ीवाद की शिक्षाओं को आतंकवाद के रद्द के रूप में किस प्रकार खड़ा किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि 23 तारीख, शनिवार सुबह 10 बजे से 2 बजे तक शास्त्री पार्क के कम्युनिटी सेण्टर में बुलाए गए इस विशाल राष्ट्रीय सम्मेलन में तंजीम उल्माए इस्लाम के अध्यक्ष मुफ़्ती अशफ़ाक़ हुसैन क़ादरी एवं मुस्लिम छात्र संगटन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद मुहम्मद क़ादरी के प्रमुख संभाषण होंगे। हमारे संगठन की मंशा है कि विश्व में शांति की स्थापना के लिए प्रमुख चर्चा होगी जिसमें मुख्य रूप से पांच बिंदुओं पर बात की जाएगी।
संगठन की तरफ़ से इस्लाम की परिभाषा एवं इसमें शांति के स्थान, इस्लाम के धरती पर उतारे जाने के पीछे ख़ुदा की मंशा एवं इससे माध्यम से वैश्विक शांति, ख्वारिज और सलाफी विचारधारा से आगही और सामाजिक शांति स्थापना में इस्लाम की भूमिका पर प्रमुख संभाषण होंगे। क़ादरी ने बताया कि इस राष्ट्रीय सम्मेलन में लोगों की भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है क्योंकि जहाँ रैली आयोजित की जा रही है,
प्रोग्राम में जयपुर से मुफ़्ती खालिद अय्यूब मिस्बाही, दरगाह हज़रत निजामुद्दीन के सय्यद नाजिम निजामी और दरबारे अहले सुन्नत के सय्यद जावेद अली नाक्शंदी आदि उलेमा भाग लेंगे।