मस्जिद ए अक्सा की हिफाज़त के लिए दुनिया का बच्चा-बच्चा कुर्बान होने को तैयार

जमीअत उलमा उत्तर प्रदेश की जानिब से पूरे प्रदेश के विभिन्न जिलों, शहर और कस्बों में जबरदस्त विरोध

कानपुर:- मस्जिद अक्सा मुसलमानों से छीनने और फिलिस्तीनियों की धरती पर जालिम व अतिक्रमणकारी इजरायल के कब्जे को समर्थन का मुहर लगाने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के अलकुदुस (यरूशलम) को इजरायल की राजधानी घोषित करने और दूतावास वहाँ स्थानांतरित करने की घोषणा के खिलाफ पूरी दुनिया विरोध कर रही है, भारतीय मुसलमानों की सबसे पुराना संगठन जमीअत उलमा ए हिन्द ने शुक्रवार को पूरे देश में येोम दुआ के रूप में मनाया और देश भर के सैंकड़ों जिलों में जमीअत उलमा उत्तर प्रदेष के निर्देषन में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया।

इस अवसर पर जमीअत उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक़ उसामा क़ासमी ने कहा कि ट्रम्प इस दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय से पष्चिमी एषिया सहित पूरी दुनिया में विश्व शांति के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया है, ट्रम्प का यह फैसला विश्व युद्ध का प्राथमिक कारण बन सकता है , अमेरिका ने अपने फैसले से क्रूरता से किये गये इसराइल के अवैध कब्जे को सही ठहराने की कोशिश की है। अल-कुदुस में मानवता के हत्यारे को अमेरिका ने एकतरफा तौर से वैध होने का प्रमाणपत्र देकर न केवल मुसलमानों बल्कि पूरे विष्व को हैरान व परेशान कर दिया है। अमेरिका के सहयोगी देशों जिनमें फ्रांस और इंग्लैंड भी शामिल हैं और जिन्होंने इजराइल वहाँ बसाया था आज उनके अत्याचार देखकर उसके खिलाफ हो गए हैं, इजरायल ने जुल्म व सितम का ऐसा रिकार्ड बनाया है कि जिसके कल्पना से ही मानवता कांप जाती है। मौलाना ने कहा कि मस्जिदे अक्सा के संरक्षण के लिए दुनिया का बच्चा बच्चा कुर्बान होने को तैयार है।

मौलाना ने आगे कहा कि इजराइल ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय समझौतों को पैरों तले रौंदा और अल-कुदुस नगर और मस्जिद अक्सा और फिलिस्तीनियों के लिए आवंटित 60 प्रतिशत क्षेत्र में अवैध वर्चस्व जमा कर सात लाख से अधिक स्थानीय फिलीस्तीनी निवासियों को अपने पैतृक घरों से निकाल दिया जो आज भी दर दर भटक रहे हैं, इजरायल ने समय समय पर मस्जिदे अक्सा के शांतिपूर्ण नमाजियों, बच्चों, महिलाओं पर गोलियां बरसाईं, इमामों को पीटा, इजराइल की जालिम सेना मस्जिदे अक्सा में जूतों सहित घुसकर उसके अन्दर घुस गयें यहां तक कि कुरान शरीफ की बेहुरमती की। अमेरिका ने इस अल-कुदुस नगर को इसी जालिम और आतंकवादी देश इजरायल की राजधानी स्वीकार करके उनके हजारों घावों को हरा कर दिया है। केवल भारत के मुसलमान ही नहीं, देशवासियों ने भी हमेशा फिलीस्तीनियों के समर्थन की बात किया है, फिलिस्तीनियों के दर्द को समझा है, हमारे देश के शीर्ष नेतृत्व ने हमेशा इजरायल के जुल्म का विरोध किया है और हम सरकार समय से मांग करते हैं कि वह फिलीस्तीनियों के हक़ में और इजरायल के खिलाफ उनकी आवाज उठाएं।

मौलाना ने बतलाया कि जमीअत उलमा हिन्द की निर्देश पर जमीअत उलमा उत्तर प्रदेश से पूरे प्रदेश के सभी जिलों विषेष लखनऊ, कानपुर, उन्नाव, सुल्तानपुर, बहराइच, सीतापुर, कन्नौज, फरूखाबाद, बनारस, हरदोई, सीतापुर, अंबेडकर नगर, शाहजहाँपुर, हापुड़, गाजियाबाद, शामली, फिरोजाबाद, आगरा, मथुरा, हाथरस, अलीगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और देवबन्द आदि में बहुत बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्षन व रैलियाँ आयोजित किए गए जिसमें में लाखों की संख्या में लोगों ने भाग लिया और अमेरिकी राष्ट्रपति के इस फैसले के खिलाफ अपने गुस्से की अभिव्यक्ति किया। इस से पहले हजारों मस्जिदों में जुमे की नमाज से पहले मस्जिद अक़सा के महत्व पर बयान किया गया और मस्जिदे अक्सा की हिफाज़त फिलिस्तीनियों के लिए अत्याचार से मुक्ति की दुआयें माँगी गई।