राजनीतिक विरोधी के फंसाने के लिए भाजपा ला रही यूपीकोका: रिहाई मंच
लखनऊ: रिहाई मंच ने उत्तर प्रदेश विधान सभा के शीत कालीन सत्र में पेश किए गए उत्तर प्रदेश संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम-2017 को लोकतंत्र का गला घोंटने वाला कानून करार दिया। मंच ने कहा कि इसके खिलाफ पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा । रिहाई मंच ने कहा कि जिस सरकार के मुखिया के ऊपर दर्जनों आपराधिक मुकदमें दर्ज हों उनको कानून व्यवस्था पर बात करने का नैतिक हक नही, यूपीकोका तो दूर की बात है।
रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र में प्रस्तावित यूपीकोका के जरिये प्रदेश सरकार अपने खिलाफ उठने वाली आवाज़ों को बन्द करने के साजिश रच रही है लेकिन उनकी मंशा पूरी नही होने दिया जाएगा। इस गैरलोकतांत्रिक कानून के खिलाफ सड़क पर संघर्ष किया जाएगा।उन्होंने कहा कि यूपीकोका का प्रयोग राजनीतिक द्वेष से किया जाएगा । जब केंद्र में भाजपा विपक्ष में थी तो इनके नेता सुषमा स्वराज और अटलबिहारी ने इस तरह के कानून का विरोध किया था । उन्होंने योगी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यूपीकोका लाने वाले आदित्यनाथ योगी को चाहिए कि वह अपने द्वारा कृत्य अपराधों की लिस्ट सदन में पेश करें । रिहाई मंच आदित्यनाथ योगी के अपराधों की सूची लेकर पूरे सूबे में जनता के बीच जाएगा ।
मंच महासचिव ने कहा कि मकोका की तर्ज़ पर बनाया गया यह कानून मुसलमानों, दलितों और पिछड़ों के उत्पीड़न के लिए जातिगत और धार्मिक द्वेष की भावना से लाया जा रहा है। इसके पहले इस तरह के कानूनों का इस्तेमाल मुसलमानों , दलितों और पिछड़ों के खिलाफ किया गया । उन्होंने कहा कि नजीर के तौर पर मकोका का ऐसा ही इतिहास रहा है। हिंसा और नफ़रत फैलाकर सत्ता में आयी भाजपा सरकार लोकतांत्रिक ढंग से चलने वाले भाजपा विरोधी आंदोलनों को हिंसक करार देकर आंदोलनों का दमन करना चाहती है।
राजीव यादव ने कहा कि यूपीकोका के जरिये प्रदेश सरकार लोकतंत्र के चौथे खंभे मीडिया के अभिव्यक्ति की आज़ादी को खत्म करना चाहती है।