दादामियां के उर्स का आग़ाज़
लखनऊ: हजरत ख्वाजा मोहम्मद नबी रज़ा शाह अलमारूफ दादा मियाँ के उर्स की बाकायेदा तिलावते कलामे पाक से (कुरान ख्वानी से) आज शुरूआत हुई जिसमें दारूल उलूम शाहे रज़ा के तलबा ने मदरसा के मोहतमिम कारी मोहम्मद जरीफ जहांगीरी और दारूल उलूम मीनाईया के तलबा ने कारी मोहम्मद निसार साहब के साथ बुलन्द आवाज़ में मजार शरीफ पर कुरान ख्वानी रस्म अदा की। इनके अलावा उर्से पाक में आये हुए मुहिब्बाने औलिया अल्लाह ने भी खूब झूम-झूम कर कुरान ख्वानी की और दुरूदो सलाम का नज़राना पेश किया और बारगाहे खुदा में अमर वा चैन के लिए दुआ र्कुआन ख्वानी का दौर पूरे दिन चलता रहा जिसमें कारी महमूद साहब ,हाफिज अब्दुल हन्नान फसाहती, कारी अहमद फसाहती, कारी मोहम्मद जरीफ आदि लोग मौजूद थे।
उर्स में मेहमानों के आने का सिलसिला जारी है, जिसमें बनारस, बरेली, भिवन्डी, बम्बई, फरीदपुर, बहराईच अािद स्थानों के अलावा कलकत्ता राजस्थान ,पंजाब, उत्तराखण्ड,के भी जायेरीन हजरात व सूफिया इकराम तशरीफ ला चुके हैं,
आज रात जशने ईद मिलादुनबी स0 अ0 व0 का आयोजन हुआ जिसमें मुल्के मशहूर उल्माए कराम जैसे मौलाना अबुल इरफान फिरंगी महली, मौलाना मोहिब्बुल हक उतरोलबी, मौलाना इकबाल खान कादरी, मौलाना नवाज़ अहमद सईदी गाज़ीपुरी आादि लोगों ने हुजूर स0 अ0 ब0 की शान में अपने खयालात पैश किये और मोहम्मद स0 अ0 ब0 की जिंदगी को अपना तर्जे अमल बनाने की हिदायत की। हज़रत ने अपने बयान में फरमाया की हुजूर दादा मियाँ की जिंदगी एक साफ और सफ्फाफ जिंदगी थी। हम सब को अपनी जिंदगी को हुजूर दादा मियाँ की जिंदगी के सांचे में ढालना चाहिए तभी समाज से बुराईयों का खातमा हो सकता है और इंसानियत को जिंदगी मिलेगी।
इसके बाद आॅलइंडिया तरही मुशाएरे का आयोजन हुआ जिसमें मुल्क के मशहूर शोराए किराम ने शिरक़त की जिनमें नवाज गाज़ीपुरी़, सोहेल काकोरवी, इरफान लखनवी, रफत शेदा सिद्दीकी, जमील अहमद जीमल, संजय मिशरा शौक, राही प्रतापगढ़ी, खालिद याकूब साहब आदि लोगों ने अपने-अपने कलाम पैश किये।