बेरोजगारी भारत के लिए सबसे बड़ा अभिशाप है: आफाक अहमद मंसूरी
लखनऊ | आज वर्तमान समय में बेरोजगारी भारत के लिए सबसे बड़ा अभिशाप है, भारत में बढ़ती बेरोजगारी का आलम ये है कि नौजवानों को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद भी बेरोजगारी से जूझना पड़ रहा है रोजगार हर बेरोजगार की आधार मूल आवश्यकता है काम करने योग्य इछुक व्यक्ति को कोई काम न मिलना बेरोजगारी की समस्या आज भारत में बहुत गंभीर बनी हुई है, किसी भी विकासशील देश के लिए ये कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि उसकी युवा पीढ़ी उच्चशिक्षित होने के बावजूद आत्मनिर्भरता के लिए चपरासी जैसी सबसे छोटी नौकरी के लिए लालयित है, भारत में खासकर युवा तबके में बढ़ती बेरोजगारी गंभीर चिंता का विषय बनती जा रही है सबसे चिंता की बात ये है कि इनमे पढ़े लिखे युवाओं की तादात ही सबसे ज्यादा है ऐसे में व्यक्ति को उसकी आजीविका के लिए किसी रोजगार का न मिलना रोजगार के आभाव में व्यक्ति मारा-मारा फिरता है और असंतोष का रास्ता बढ़ता है जिससे ये धीरे धीरे चिंता, अवसाद और अन्य मानसिक स्वास्थ समस्याओं में बदलने लगती है ऐसे में तमाम तरह के अवसाद उसे घेर लेते हैं फिर तो न चाहते हुए भी कई बार वो ऐसा कदम उठा लेता है जिसकी कानून इज़ाज़त नही देता है, जिसमे बहुत से लोग बेरोजगारी और आर्थिक तंगी से परेशान होकर खुदखुशी कर रहें हैं और बहुत से लोग बेरोजगारी के कारण अपराध में लिप्त होते जा रहें हैं जिससे चोरी, डकैती व अन्य भयंकर अपराध तेजी से बढ़ते जा रहें हैं । जबकि प्रधानमंत्री ने अपने घोषणा पत्र में कहा था हम व्यापक स्तर पर आर्थिक सुधार करेंगे और बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करेंगे नव उधमियों पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगे और हर साल 2 करोड़ लोगों को रोजगार देंगे लेकिन सर्वे के अनुसार भारत में मात्र 4 लाख से भी कम लोगों को मुश्किल से रोजगार मिल पा रहा है, बेरोजगारी न दूर होने से लोग भुखमरी की तरफ जा रहें हैं, बेरोजगारी समाज के लिए एक अभिशाप बनती जा रही है, भारत में बेरोजगारी एक गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है लेकिन इस पर सरकार या बुद्धजीवी वर्ग की कोई सोच समाज में उजागर नहीं होती है लेकिन लोगों की सोच सिर्फ ट्रिपल तलाक़, लव जिहाद, घर वापसी, गौ रक्षा, मंदिर मस्जिद और ऐंटी रोमियों वगैरा जैसे मुद्दे पर बनती जा रही है ऐसे में भारत की मुख्य समस्याएं जिनसे देश प्रगति करता हैं देश की जनता को लाभ मिलता है वो समस्याएं ओझल हो जाती हैं, ये कथन बिलकुल सत्य है कि बेरोजगारी दर में व्रद्धि से देश में गरीबी की दर में व्रद्धि हुई है देश के आर्थिक विकास को बाधित करने के लिए बेरोजगारी मुख्यतः ज़िम्मेदार है, इस समस्या को खत्म करने के लिए सरकार को प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है ये केवल देश के आर्थिक विकास में खड़ी व्यक्तिगत और पूरे समाज पर भी एक साथ कई तरह के नकारात्मक प्रभाव डालती है, देश के धीमे आर्थिक विकास के परिणाम स्वरुप लोगों को रोजगार के कम अवसर प्राप्त होते हैं जिनसे बेरोजगारी बढ़ती है, लोगों के लिए रोजगार के अधिक अवसर बनाने के लिए सरकार को औघोगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने चाहिए, सरकार को रोजगार की अधिक संभावनाएं पैदा करने के लिए विदेशी कम्पनियों और अपनी इकाइयों को देश में खोलने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और एक निश्चित समय में काम करके बल्कि बेरोजगार रहने वाले लोगों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा किये जाने चाहिए,नीति निर्माताओं और नागरिकों को अधिक नौकरियों के निर्माण के साथ ही रोजगार के लिए सही कौशल प्राप्त करने के लिए सामूहिक प्रयास करने चाहिए |