मान्यता के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा उत्तराखण्ड क्रिकेट एसोसिएशन
देहरादून: उत्तराखण्ड राज्य क्रिकेट को सत्रह वर्ष के लम्बे इंतजार के बाद भी बीसीसीआई से मान्यता न मिलने से क्षुब्ध उत्तराखण्ड क्रिकेट एसोसिएशन (यूसीए) ने देश की सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया है। यूसीए के सचिव श्री दिव्य नौटियाल ने उत्तराखण्ड राज्य क्रिकेट को बीसीसीआई से मान्यता दिलाने के संबंध में एक अपील सुप्रीम कोर्ट आफ इण्डिया में दाखिल की है।
उत्तराखण्ड क्रिकेट एसोसिएशन (यूसीए) के सचिव श्री दिव्य नौटियाल ने बताया कि, उत्तराखण्ड को नये राज्य के तौर पर 17 वर्ष हो गये हैं। बावजूद इसके बोर्ड आॅफ कंट्रोल फाॅर क्रिकेट इन इण्डिया (बीसीसीआई) ने उत्तराखण्ड राज्य क्रिकेट को मान्यता नहीं दी है। बोर्ड का मत है कि प्रदेश के कार्यरत चारों क्रिकेट एसोसिएशनें एक मंच पर आये तो वो मान्यता प्रदान करेगा। वहीं प्रदेश सरकार भी इस मामले में कोई विशेष दिलचस्पी नही ले रही है। असल में बीसीसीआई प्रदेश की चंद एसोसिएशनों के कर्ताधर्ताओं के रसूख के चलते कोई फैसला लेने से बच रहा है।
श्री दिव्य नौटियाल ने बताया कि, जब कोई भी जिम्मेदार महानुभाव हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है और जान-बूझकर सच्चाई व तथ्यों की अनदेखी की जा रही है। ऐसे में उत्तराखण्ड राज्य क्रिकेट एवं प्रतिभाशाली क्रिकेटरों के भविष्य की खातिर हमने सर्वोच्च न्यायालय की शरण ली है। उत्तराखण्ड राज्य क्रिकेट को बीसीसीआई से मान्यता दिलाने के संबंध में 29 नंबवर 2017 को एक हस्तक्षेप याचिका (Intervention application 124996 of 2017 in Cricket Association of Bihar vs BCCI) हमने सुप्रीम कोर्ट आफ इण्डिया में दाखिल की थी। जिस पर सुनवाई करते हुये चीफ जस्टिस आॅफ इण्डिया जस्टिस दीपक मिश्र जी, जस्टिस ए.एम. खानविलकर जी एवं जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ जी तीन जजों की बेंच ने मामला बीसीसीआई की प्रशासनिक कमेटी को सौंप दिया है। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष संस्था का पक्ष जाने-माने वकील श्री सोली सोराब एवं श्री सुमन ज्योति खेतान ने रखा।
उत्तराखण्ड क्रिकेट एसोसिएशन (यूसीए) के अध्यक्ष श्री रामशरण नौटियाल ने बताया कि, जस्टिस लोढा कमेटी की सिफार्यिाों के क्रम में बीसीसीआई ने सर्वोच्च न्यायालय में जुलाई 2016 में उत्तराखण्ड राज्य क्रिकेट को पूर्ण सदस्यता देने के लिये अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करने के लगभग डेढ वर्ष बीत जाने के बाद भी इस संबंध में कोई ठोस पहल व निर्णय बीसीसीआई ने नहीं लिया है।
यूसीए के सचिव श्री दिव्य नौटियाल ने बताया कि, पिछले 12 वर्षों से हमारी एसोसिएशन उत्तराखण्ड राज्य क्रिकेट को बीसीसीआई से मान्यता दिलाने के लिये प्रयासरत है। इसके लिए हमने माननीय प्रधानमन्त्री, माननीय मुख्यमन्त्री, खेल मन्त्री भारत सरकार एवं बीसीसीआई एडमिनिस्ट्रेटर को प्रत्यावेदन भेजकर, व्यक्तिगत तौर पर मिलकर विभिन्न साक्ष्यों के माध्यम से मान्यता प्रदान करने का आवेदन और निवेदन किया है। वर्तमान में भी हमारे प्रयास जारी हैं। बीती 16 अक्टूबर को माननीय मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद सिंह रावत जी ने मान्यता के संबंध में एक बैठक बुलायी थी, जो चंद एसोसिएशनों के अड़ियल रवैये ओर गलत बयानबाजी के चलते बेनतीजा रही।
श्री दिव्य नौटियाल ने बताया कि, अगर बीसीसीआई हमारी संस्था को उत्तराखण्ड राज्य क्रिकेट के तौर पर मान्यता प्रदान करती है तो प्रदेश के तमाम प्रतिभावान खिलाड़ी जो कि वर्तमान में अन्य राज्यों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं वो उत्तराखण्ड राज्य की टीम का हिस्सा बनने को तैयार है। ऐसे तमाम प्रतिभाशाली खिलाड़ी अपनी मौखिक सहमति हमें प्रदान कर चुके हैं।