तीन तलाक़ के ज्वलंत विषय पर बनी फ़िल्म ‘फिर उसी मोड़ पर’ की रिलीज़ 7 जनवरी को
सुविख्यात डायरेक्टर लेख टंडन की हिंदी सिनेमा को अंतिम भेंट
तीन तलाक़ जैसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण मुद्दे पर सुविख्यात निर्देशक स्वर्गीय लेख टंडन के निर्देशन में बनी कनिका मल्टीस्कोप प्राइवेट लिमिटेड की फिल्म "फिर उसी मोड़ पर" आगामी 7 जनवरी को देश के सिनेमा हालों में प्रदर्शन के लिए तैयार है |लखनऊ में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में आज इस फिल्म की एक झलक पत्रकारों और चुनिंदा मेहमानों को दिखाई गयी |
फिल्म की कहानी एक ऐसी लड़की नाज़ (newcomer जिविधा) की है जिसे उसके उसके पहले प्यार में धोखा मिलता है | शाहिद (परमजीत सेठी) नाज़ के साथ धोखे से निकाह करने के बाद तलाक़ दे देता है, उस वक़्त नाज़ गर्भवती होती है | हालात की मारी नाज़ को ऐसी हालत में रशीद ( कंवलजीत सिंह ) सहारा देता है और शाहिद के बच्चे को अपना नाम देकर नाज़ से निकाह कर लेता है मगर नाज़ की खुशियां एक बार फिर तब दुःख में बदल जाती हैंजब रशीद कैंसर की बीमारी के कारण इस संसार से विदा हो जाता है | नाज़ अपने बच्चे को पालपोस कर बड़ा करती है, वह उच्च शिक्षा प्राप्त करता है और शबनम नाम की लड़की से प्यार के बाद निकाह कर लेता है | इसी दौरान नौकरी के लिए विदेश जाता है जहां वह अपनी पर्सनल सेक्रेटरी के मोहपाश में फंसकर अपनी पत्नी को तलाक़ दे देता है | एक तरफ जहां शबनम के लिए तलाक़ की खबर सदमा बनकर टूटती है वहीँ नाज़ एक बार फिर उसी मोड़ पर पहुँच जाती जहाँ से उसका सफर शुरू हुआ था लेकिन इस बार नाज़ खामोश नहीं बैठती है | वह तलाक़ की कुरीति के खिलाफ आवाज़ बुलंद करती है |
त्रिनेत्र बाजपेयी जो इस फिल्म के निर्माता भी हैं सशक्त संगीत दिया है | गीत नक़्श लायलपूरी, अहमद वसी और इरशाद कामिल ने लिखे हैं | पार्श्व गायन फिल्म की सह निर्मात्री कनिका बाजपेयी और जावेद अली का है |
फिल्म की स्टारकास्ट मंझे हुए अदाकारों से भरपूर है | कंवलजीत सिंह, परमजीत सेठी, गोविन्द नामदेव, स्मिता जयकार कनिका बाजपेयी राजीव वर्मा, अरुण बाली, हैदर अली, विनीता मालिक, संजय बत्रा आदि ने अपनी मझी अदाकारी से फिल्म को बहुत मज़बूती प्रदान की है | फिल्म के टाइटल रोल में नवोदित अदाकारा जिविधा आष्टा भविष्य की बड़ी अदाकारा नज़र आयी |
अनगिनत फिल्में और टीवी सीरियल बनाने वाले महान निर्देशक लेख टंडन जी जिनका 15 अक्टूबर २०१७ को स्वर्गारोहण हुआ की भारतीय सिनेमा को यह अंतिम भेंट है | विषयवस्तु और निर्देशन के कारण सिनेमाप्रेमियों को एक शानदार फिल्म देखने को मिलेगी | महिलाओं के सब्जेक्ट पर बनी फिल्म "फिर उसी मोड़ पर" की सफलता लेख टंडन जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी |