केरल के प्राचीन मार्शल आर्ट कलारीपयट्टू का यूपी में आगाज़
अनुराग मिश्रा अध्यक्ष व प्रियंका अग्रवाल सचिव नामित
लखनऊ: केरल की प्राचीन बहुप्रचालित मार्शल आर्ट कलारीपयट्टू को भारतीय खेल एवं युवा कल्याण मत्रांलय द्वारा हाल ही में मान्यता प्रदान कर दी गयी है। गत वर्ष मंे प्रदर्शित हिन्दी फिल्म-कामाण्डो में विद्युत जामवाल व बागी के लिए टाईगर श्राफ ने कलारीपयट्टू का विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करते हुए इसकी अदभुत तकनीकों का फिल्म में प्रदर्शन किया गया जिससे कि देश व विदेशो में इसकी लोकप्रियता बहुत तेजी से बढ़ रही है।
प्रदेश में इसके प्रचार व प्रसार हेतु संस्था के राष्ट्रीय महासचिव पूणथुरा सोमन ने उत्तर प्रदेश ओलम्पिक संघ के महासचिव आनन्देश्वर पाण्डेय से वार्ता की व लखनऊ में एक अधिकारिक सभा का आयोजन किया जिसमें प्रदेश से विभिन्न मार्शल आर्ट कोच, खिलाडियों व खेल प्रेमियों ने प्रतिभाग किया। सभा में सर्वसम्मति से अनुराग मिश्रा लखनऊ नगर उपाध्यक्ष भाजपा को संस्था के प्रदेश अध्यक्ष पद, प्रियंका अग्रवाल को सचिव पद व शिवम् अग्रवाल को कोषाध्यक्ष नामित किया गया। सदस्य के रूप में नीरज श्रीवास्तव, अमील शम्सी, विनीत बिसारिया, कमल अग्रवाल, मनीष निगम, मुकेश कुमार, व हेमन्त दीक्षित को मनोनीत किया गया। सभा में प्रदेश में इसके प्रसार हेतु विभिन्न बिन्दुओं पर विचार किया गया व फरवरी 2018 में दिल्ली में होने वाली राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रदेश की टीम के प्रतिभाग की तैयारी के लिए केरल से कोचों को भेजने के लिए राष्ट्रीय महासचिव पूणथुरा सोमन ने आश्वस्त किया।
राष्ट्रीय महासचिव सोमन ने यह भी बताया कि कलारी शब्द तमिल भाषा से है जिसका अर्थ प्रशिक्षण केंद्र या विद्यालय होता है व पयट्टू का अर्थ युद्ध/कड़ी मेहनत करना होता है। इसमें हाथ और पैरो से प्रहार के साथ मल्लयुद्ध, छड़ी, चाकू, कटार, तलवार-ढाल के साथ मर्म व चिकित्सा प्रणाली का भी ज्ञान प्रदान किया जाता है। इसका कठोर प्रशिक्षण शारीरिक संस्कृति और मानसिक अनुशासन देता है। प्राचीन मान्यता के अनुसार भगवान शिव ने अपने सबसे अनुयाय ऋषि परशुराम को अदभुत कलारिपयट्टू तकनीकों को सिखाया था जिन्होनें इस युद्ध कौशल कला को केरल व तमिलनाडू में प्रचलित किया था।