अनैतिक रिपोर्टिंग करने वालों को DAVP नहीं देगी विज्ञापन
नई दिल्ली: फर्जी खबरों (फेक न्यूज) पर लगाम कसने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बड़ा और कड़ा कदम उठाया है। सरकार ने फैसला किया है कि वह अब से फर्जी खबरों और गलत रिपोर्टिंग करने वाले अखबारों को अपने विज्ञापन नहीं देगी। सूत्रों के मुताबिक, अनैतिक रिपोर्टिंग करने वाले मीडिया संस्थानों को विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) के विज्ञापन जारी करने पर रोक लगाई जाएगी। ‘द न्यू प्रिंट मीडिया एडवर्टाइजमेंट पॉलिसी 2016’ की धारा 25 का इसके लिए संशोधन किया जाएगा। प्रस्तावित संशोधन में फर्जी और गलत इरादे से प्रकाशित की गई खबरों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान भी शामिल होगा। हालांकि, अभी तक इस गलत इरादे और फर्जी खबरों का मतलब स्पष्ट नहीं है कि इसमें क्या आएगा और क्या नहीं। कार्रवाई के दौरान डीएवीपी अधिकारी उस खबर की जांच-पड़ताल के मामले में पूछताछ भी कर सकेंगे।
अंग्रेजी अखबार ‘एशियन एज’ में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, डीएवीपी इस काम के लिए भारतीय प्रेस परिषद और पत्र सूचना कार्यालय (प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो) की मदद लेगा। आधिकारिक विज्ञापन जारी करने पर प्रतिबंध कुछ तय वक्त के लिए होगा, जो कि रिपोर्टिंग या खबर की गंभीरता पर निर्भर करेगा। सूचना और प्रसारण मंत्रालय बीते साल नई विज्ञापन नीति लेकर आया था, जिसमें उसने अखबारों और पत्रिकाएं के प्रसार के आंकड़ों को जांचने का फैसला किया था, जिसमें विज्ञापन जारी करने से पहले ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन (एबीसी) या रजिस्ट्रार ऑफ न्यूजपेपर्स ऑफ इंडिया (आरएनआई) भी शामिल थे।
फिलहाल प्रिंट मीडिया पॉलिसी की धारा 25 कहती है कि अगर अखबार को अपनी प्रसार संख्या की गलत सूचना छापते, प्रकाशन बीच में रोकने, पत्रिकाओं के प्रकाशन का वक्त बदल देता है या फिर बिना सूचना के अपने दफ्तर/प्रेस का पता बदल देता है, तो उसे डीएवीपी से विज्ञापन मिलने पर रोक लग जाती है।