#MeToo कैम्पेन में शामिल हुईं बबिता भाभी
नई दिल्ली: हॉलीवुड एक्ट्रेस एलिसा मिलानो के #MeToo कैंपेन के तहत दुनियाभर की कई सेलीब्रिटी महिलाएं अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न और शोषण की घटनाओं पर खुलकर बात कर रही हैं. इसी कैंपेन के तहत कॉमेडियन मल्लिका दुआ अपने साथ बचपन में हुई ऐसी ही एक घटना का खुलासा कर चुकी हैं और अब एक और टीवी सेलीब्रिटी ने अपने साथ हुए ऐसे वाकये को दुनिया के सामने रखा है. टीवी सीरियल 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' की बबीता जी यानी एक्ट्रेस मुनमुन दत्ता ने इस मामले पर अपनी एक पोस्ट शेयर की है.
अपना पोस्ट शेयर करते हुए मुनमुन दत्ता ने लिखा है, 'मैं भी… हां मैं भी.. इस तरह की समस्या पर पोस्ट शेयर करना, यौन शोषण के खिलाफ दुनियाभर में चल रहे इस कैंपेन से जुड़ना और इसे झेल चुकी हर महिला के साथ अपनी सहानुभूति दिखाने से ही यह बात साफ होती है कि यह समस्या कितनी बड़ी है. मैं अचंभित हूं कि कुछ अच्छे 'मर्द' यह देख कर हैरान हैं कि इतनी ज्यादा संख्या में ऐसी महिलाएं ऐसी घटनाओं पर बात कर रही हैं. नहीं, आपको आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए. यह आप सब की नाक के नीचे हो रहा था, आप ही के घर में, आप ही की बहनों, बेटियों, माओं, पत्नियों और यहां तक की मेड तक के साथ. उनका विश्वास जीतें और उनसे पूछें. आप उनका जवाब सुनकर दंग रह जाएंगे.'
मुनमुन ने लिखा, 'ऐसा कुछ लिखते हुए मेरी आंखों में आंसू आ रहे हैं. ऐसा कर के मैं वापस बचपन की उन यादों को जी रही हूं, जब मैं अपने नजदीक में रहने वाले एक अंकल से डरती थीं, क्योंकि उन्हें जब भी मौका मिलता था वह मुझे जकड़ लेते थे और धमकी देते थे कि मैं यह बात किसी को न बतायूं… या मुझसे उम्र में कहीं ज्यादा बड़े कजिन, जो अपनी खुद की बेटियों से अलग तरह की निगाह से मुझे देखते थे… या वह आदमी जिसने मुझे अस्पताल में पैदा होते हुए देखा था और बाद में जब मैं 13 साल की थी तो उसने मुझे छूना सही समझा क्योंकि मैं एक टीनेजर थी और मेरे शरीर में बदलाव हो रहे थे… या मेरा ट्यूशन टीचर जिसने मुझे नीचे हाथ लगाया था… या वह टीचर जिसे मैंने राखी बांधी थी, जो अपनी फीमेल स्टूडेंट्स को उनकी ब्रा का स्ट्रैप पकड़ कर खींचता था और लड़कियों के स्तन पर थप्पड़ मारता था… या ट्रेन में मिला वह आदमी जिसने तुम्हें जकड़ लिया था.. क्यों ??? क्योंकि आप इतनी छोटी थीं और डरी हुई थीं कि कुछ कह ही नहीं पायीं. इतनी डरी हुई कि आप अपने पेट में एक अजीब सी मरोड़ महसूस करती हैं और आपका गला डर के मारे सूख जाता है… आप समझ नहीं पाती कि आप अपने पेरंट्स को यह कैसे बताएंगी या आप शर्म के मारे यह किसी को बता ही नहीं पाती हैं. और तब आपके भीतर मर्दों को लेकर एक अजीब सी नफरत पैदा होने लगती है, क्योंकि आपको लगता है कि यही वह अपराधी हैं जिनकी वजह से आपको यह महसूस करना पड़ा है. एक ऐसी भावना, जिससे बाहर आने में आपको सालों लग जाते हैं.'
मुनमुन ने इस कैंपेन से जुड़ने की बात पर लिखा, 'मैं बहुत गर्व महसूस कर रही हूं कि मैं भी इस कैंपेन से जुड़ने वाली एक आवाज बनी हूं और लोगों तक यह संदेश पहुंचा रही हूं कि मुझे भी नहीं छोड़ा गया. लेकिन आज में किसी भी मर्द को सबक सिखा सकती हूं जो दूर से भी मेरे साथ कुछ करने की सोचे. मुझे अपने आप पर गर्व है…'