मसूद अजहर की फिर ढाल बना चीन
ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने से रोका
नई दिल्ली: चीन ने पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद (जेईएम) प्रमुख और पठानकोट हमले के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा एक वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने की अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन की एक और कोशिश में अड़ंगा डाल दिया है.
बीजिंग ने कहा है कि कोई आमराय नहीं बन पाने के चलते उसने इस कदम को खारिज किया है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो शक्ति रखने वाले चीन ने जैश ए मोहम्मद प्रमुख को प्रतिबंधित करने के भारत के कदम को बार-बार बाधित किया है.
जैश पहले से ही संयुक्त राष्ट्र की सूची में प्रतिबंधित है. दरअसल, अजहर पर सुरक्षा परिषद की अलकायदा प्रतिबंध कमेटी के तहत प्रतिबंध लगाने की ये कोशिशें की जा रही हैं.
चीनी विदेश मंत्रालय में मौजूद सूत्रों ने बताया, ‘‘चीन ने इस कदम को खारिज कर दिया क्योंकि आमराय नहीं है.’’ आधिकारिक टिप्पणी में संकेत मिलता है कि चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में अर्जी को वीटो करेगा, ताकि यह निष्प्रभावी हो जाए. यह लगातार दूसरा साल है जब चीन ने प्रस्ताव को बाधित किया है. पिछले साल चीन ने इसी कमेटी के समक्ष भारत की अर्जी रोकने के लिए यही काम किया था.
इससे पहले, चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुया चुनयिंग ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘हमने एक तकनीकी रोक लगाई ताकि कमेटी को और अधिक वक्त मिल सके और इसके सदस्य इस विषय पर चर्चा कर सकें. लेकिन इस विषय पर अब तक आमराय नहीं है.’’
चीन की निरंतर तकनीकी रोक का बचाव करते हुए हुआ ने कहा, ‘‘हम कमेटी के आदेश और इसकी नियमावली का पालन करना जारी रखेंगे तथा कमेटी के सदस्यों के साथ लगातार संचार एवं समन्वय रखेंगे.’’ कुछ अन्य सवालों के जवाब देते हुए हुआ ने कहा कि कमेटी के अपने नियम हैं. कमेटी का आमराय पर पहुंचना बाकी है.
हुआ की टिप्पणी इस ओर इशारा करती है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के दूसरे कार्यकाल के दौरान अजहर को प्रतिबंध कराने की किसी कोशिश में अड़ंगा डालने की अपनी नीति को चीन जारी रखेगा.
पिछले दो साल में चीन ने अजहर को एक वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने की भारत की कोशिशों में अड़ंगा डाल दिया है.
पिछले साल मार्च में चीन 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में एक मात्र ऐसा देश था जिसने भारत की अर्जी को बाधित किया था. वहीं, परिषद के 14 सदस्य देशों ने अजहर को प्रतिबंधित करने के भारत के कदम का समर्थन किया था.