पर्वतीय समाज के लोगों के साथ घर-घर उठाई गईं मूर्तियां
मनकामेश्वर मठ मंदिर ने कई इलाकों में किया लक्ष्मी-गणेश प्रतिमाओं का संग्रह
लखनऊ: मनकामेश्वर मठ मंदिर और देव्या चैरिटेबुल ट्रस्ट के “मनकामेश्वर क्लीन सिटी” अभियान की शुरूआत सोमवार को पर्वतीय समाज के साथ शुरू हुई। सोमवार सुबह पर्वतीय समाज के लोगों के साथ श्रीमहंत देव्या गिरि की अगुवाई में मंदिर के सेवादार सरोजनी नगर इलाके में पहुंचे। यहां पर लोगों के घर-घर जाकर लक्ष्मी-गणेश और भगवान की खंडित व उपेक्षित हो चुकी मूर्तियों को संग्रहित किया गया। इस अभियान में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
सरोजनी नगर क्षेत्र से शुरू हुए अभियान में पर्वतीय समाज के गणेश जोशी, भवान सिंह रावत, गुलशन लाल, जीवन काला कोटि, भुवन पांडेय, डॉ भीम सिंह नेगी, चंद्रशेखर तिवारी, केएस रावत, प्रमोद पंत, अवनीश त्रिवेदी, उपमा पांडेय, राजकुमार, अमन शुक्ला, विक्की, नीरज निषाद आदि लोग शामिल हुए। समूह बनाकर इलाके में घर-घर दरवाजे खटखटाकर लोगों से उपेक्षित मूर्तियां मांगीं। सरोजनी नगर तहसील, सामुदायिक केंद्र, सरोजनी नगर थाना व आसपास इलाके में सैकड़ों मूर्तियां एकत्रित कर मनकामेश्वर उपवन घाट तक लाई गईं।
राजाजीपुरम के कई ब्लॉक और तेलीबाग, उतरेठिया इलाके में मनकामेश्वर मठ मंदिर और सनातन धर्म फाउंडेशन की ओर से लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां एकत्रित की गईं। इस इलाके में मुहिम चलाने वालों में प्रेम तिवारी, अजय तिवारी, सोनू पंडित, अदिका सक्सेना, अंजली तिवारी, वीरेंद्र यादव, शिवपाल सांवरिया, सुनील कनौजिया, तनुज, मयंक, अंकुर, वीरेंद्र चटर्जी, निशा, प्रांजल, विकास, करन, राम औतार, दीपक समेत अन्य लोग रहे।
इस अवसर श्रीमहंत देव्यागिरि ने कहा कि प्रतिमाओं का नदी में भी विसर्जन नहीं करना चाहिए। इससे नदी प्रदूषित होती है। लोगों का यह समझना चाहिए कि जब भविष्य में नदी होगी ही नहीं तो विसर्जन कहा करेंगे। उन्होंने कहा कि गोमती तो आदि गंगा है। इसे साफ रखने का संकल्प सभी को लेना चाहिए क्यों कि इसका उपयोग तो सभी धर्म जाति के लोग करते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को भू-विसर्जन के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से इस बार उन्होंने तुलसी के बीज वाली लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमाएं भी दीपावली से पहले वितरित की। उन प्रतिमाओं को बगीचे या गमले में विसर्जित करने से एक महीने में वहां तुलसी का पौध निकल आएगा। इस अभियान के तहत उन्होंने 1 लाख मूर्तियों का विसर्जन का लक्ष्य झूलेलाल घाट पर निर्धारित किया गया है।