ताजमहल को मिली यूपी सरकार के कैलेंडर में जगह
लखनऊ: यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल सूची में शामिल 17वीं शताब्दी में निर्मित आगरा के ताजमहल को उत्तर प्रदेश सरकार ने 2018 के कैलेंडर में प्रमुखता से जगह दी गयी है। राज्य सूचना विभाग की ओर से जारी कैलेण्डर में जुलाई महीने वाले पृष्ठ पर ताजमहल का चित्र है। इसके अलावा इसमें गोरखपुर के गोरक्षा पीठ को जगह दी गयी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठाधीश्वर हैं। कैलेण्डर में भाजपा का नारा ‘सबका साथ सबका विकास—उत्तर प्रदेश सरकार का सतत प्रयास’ अंकित हैं। इसमें सभी पृष्ठों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी के चित्र प्रमुखता से हैं। सभी पृष्ठों पर राज्य के विरासत स्थलों, पर्यटन स्थलों एवं ऐतिहासिक इमारतों के चित्र हैं।
इस कैलेण्डर में प्रयागराज त्रिवेणी संगम (इलाहाबाद), राम की पौढी (अयोध्या), बरसाने की होली (मथुरा), गुरूद्वारा नानकमत्ता साहिब (पीलीभीत), देवगढ जैन मंदिर (ललितपुर), सारनाथ स्तूप (वाराणसी), रानी झांसी का किला (झांसी), श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर (मथुरा), विंध्याचल त्रिकोण दर्शन (मिर्जापुर) और काशी विश्वनाथ मंदिर (वाराणसी) को भी दर्शाया गया है।
गौरतलब है कि ताज को लेकर भाजपा विधायक संगीत सोम ने 17वीं शताब्दी की इस इमारत को भारतीय विरासत में स्थान दिये जाने पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा था कि इतिहास दोबारा लिखा जाएगा और इसमें से मुगल बादशाहों के नाम को हटा दिया जायेगा। हाल में योगी सरकार ने पर्यटन विभाग की बुकलेट से ताजमहल का नाम पर्यटन क्षेत्रों की सूची से कथित रूप से हटा दिया गया है। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बयान जारी कर कहा था कि 370 करोड़ रूपये की पर्यटन परियोजनायें प्रस्तावित हैं, जिसमें से 156 करोड़ रूपये की परियोजनाएं आगरा और ताजमहल के आसपास के सौंदर्यीकरण के लिये है।