अच्छे दिन की दिवाली कहां है?
शिवसेना का मोदी सरकार से सवाल
मुंबई: शिवसेना ने बुधवार को केंद्र से सवाल किया कि अच्छे दिन की दीवाली कहां है? इसके साथ ही पार्टी ने कहा कि यह पर्व तो शनिवार को संपन्न हो जाएगा लेकिन अर्थव्यवस्था को जो दिवाला निकला हुआ है, उसका क्या होगा. केंद्र की भाजपा नीत सरकार की नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसी नीतियों की आलोचना करते हुए शिवसेना ने कहा कि सरकार ने लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया इसलिए अब लोगों को भी इसका जवाब देने के लिए तैयार रहना चाहिए.
अपने मुखपत्र 'सामना' में लिखे संपादकीय में शिवसेना ने कहा है, ''आज देश की स्थिति ऐसी है कि हर जगह झूठ फैलाया जा रहा है. अब लोगों को भी जवाब देने के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि सरकार ने उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है.'' पार्टी ने कहा, ''दीपावली पर लक्ष्मी पूजा करते समय लोगों को प्रार्थना करनी चाहिए कि नोटबंदी का दैत्य फिर दहशत न फैलाए और लोगों की खून पसीने की कमाई उनसे न छीने.'' शिवसेना ने कहा कि नोटबंदी तथा जीएसटी की वजह से अर्थव्यवस्था लड़खड़ा गई और निर्माण क्षेत्र तथा व्यापारी पिछले 11 माह से उपभोक्ता का इंतजार कर रहे हैं. पार्टी ने सवाल किया, ''यह पर्व तो शनिवार को संपन्न हो जाएगा लेकिन अर्थव्यवस्था का जो 'दिवाला' निकला है उसका क्या होगा? अच्छे दिन की दिवाली कहां है? किसानों की आत्महत्या क्यों नहीं रुक रही है? पिछली सरकार के समय पूरी तरह खत्म हो चुकी बिजली कटौती फिर से शुरू क्यों हो गई?''
शिवसेना की यह आलोचना ऐसे वक्त पर आई है जब महाराष्ट्र ग्राम पंचायत चुनावों में सत्तारूढ़ बीजेपी ने जबर्दस्त कामयाबी हासिल की है. राज्य के ग्रामीण अंचलों में पार्टी को जबर्दस्त समर्थन मिला है. ग्राम पंचायत चुनावों में पार्टी ने 1311 सीटें जीती हैं. कांग्रेस ने 312, शिवसेना ने 295 और एनसीपी ने 297 और अन्य ने 453 सीटें जीतीं. प्रमुख दलों में शिवसेना सीटों के लिहाज से चौथे नंबर पर रही. सूबे की सत्ता में यह पार्टी, बीजेपी की सहयोगी है. हालांकि हालिया दौर में बीजेपी और शिवसेना के रिश्तों में तल्खी बढ़ी है.