परियोजनाओं के बेहतर प्रबंधन के लिए स्वयं सेवी संगठनों का प्रशिक्षण
लखनऊ: सेंटर फाॅर डिजिटल फाइनेंशियल इंक्लूज़न ’’फाइनेंशियल मैनेजमेंट, रिकाॅर्ड मैनेजमेंट एंड प्रपोजल राइटिंग’’ पर आयोजित आईएसआरएन के दो दिवसीय तकनीकी प्रषिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत नाबार्ड, बर्ड और आईएसआरएन के साथ मिलकर स्वयं सेवी संगठनों के प्रभावी प्रबंधन और ग्रामीण विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन में प्रौद्योगिकी की भूमिका को लेकर प्रशिक्षण सत्र का आयोजन करेगा।कार्यक्रम का आयोजन लखनऊ स्थित बैंकर्स इंस्टीट्यूट आॅफ रुरल डेवलपमेंट (बर्ड) में 12 और 13 अक्टूबर को किया जाएगा।
उद्घाटन सत्र के बाद रिकाॅर्ड प्रबंधन और प्रपोज़ल राइटिंग जैसे विषयों पर सत्रों का आयोजन किया जाएगा।इनमें ग्रामीण विकास परियोजनाओं में प्रौद्योगिकी के प्रयोग (सीडीएफआई) और स्वयं सेवी संगठनों द्वारा प्रस्तावों/परियोजनाओं के प्रबंधन (नाबार्ड) के बारे में विशेष सत्र भी शामिल होंगे।
सीडीएफआई प्रतिभागी स्वयं सेवी संगठनों को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षित करेगा कि सामुदायिक विकास एवं शैक्षणिक कार्यक्रमों में किए जाने वाले निवेश से अपेक्षित परिणाम और डिजिटल उपकरणों को अपनाकर स्थाई परिवर्तन लाए जा सकें। श्री कृष्णन धर्मराजन, कार्यकारी निदेशक, सीडीएफआई प्रतिभागी प्रतिनिधियों को कांची (किसान एडवांस्मेंट थू्र कैशलेस इनोवेशन) से परिचित कराएंगे जो फारमर प्रोड्यूसर आॅर्गनाइजेशंस (एफपीओ) के परिचालन का प्रबंधन करने वाला एक आसान प्रौद्योगिकी प्लेटफाॅर्म है और इसके साथ उन्हें कैशलेस मोड में के्रडिट लिंकेज मुहैया कराएगा।इसके अलावा सुनिधि को भी प्रदर्षित किया जाएगा जो फंड प्रबंधन एवं ट्रैकिंग टूल है, यह स्वयं सेवी संगठनों को सीएसआर परियोजना क्षमताओं के क्रियान्वयन, फंड प्रबंधन, ट्रैकिंग और देखरेख में मदद करता है।
श्री कृष्णन धर्मराजन ने कहा, ’’सरकार की प्राथमिकताओं के मुताबिक हमारी लाभ अंतरण प्रणाली को डिजिटल प्रौद्योगिकी की मदद से मजबूत बनाया जा सकता है। इस क्षेत्र में नवोन्मेष काफी काम आ सकता है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि लाभ गरीबों और पिछड़ों तक बगैर देरी और गड़बड़ी के पहुंच सके। लखनऊ में हमारा ध्यान किसानों के लिए एकीकृत कृषि प्लेटफाॅर्म और गांव स्तर पर विकास संबंधी सामुदायिक परियोजनाओं की फंडिंग और ट्रैकिंग के लिए किए जाने वाले नवोन्मेष पर होगा। हमने स्वयं सेवी संगठनों से बातचीत करने का प्रस्ताव रखा है जिनकी लोगों तक प्रौद्योगिकी को पहुंचाने में अहम भूमिका है।’’