अस्सी फीसदी पानी की बचत करेगा सैटो शौचालय
लखनऊ। स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत खुले में शौच से मुक्ति दिलाने के लिये सैटो ने आधुनिक तकनीक के साथ शौचालयों को उपलब्ध कराया है। इन्हें खास तौर पर ग्रामीण एवं शहरी सीमा से बाहर के क्षेत्रों के लिए बनाया गया है, जहां सुरक्षित स्वच्छता सुविधाओं की उपलब्धता मुश्किल होती है। इनमें खुद से बंद होने वाले ढक्कन हैं, जो शौच के बाद खुद-ब-खुद खुले-पिट वाले शौचालयों को पूरी तरह ढंक देते हैं। इस तरह यहां से बदबू कम निकलती है और बीमारियों वाले कीटाणूओं को रोकने में मदद मिलती है, जिससे यह शौचालय सुरक्षित और इस्तेमाल में अधिक सुविधाजनक बनते हैं।
इस लॉन्च के अवसर पर, जिन मोन्टेसैनो, चीफ पब्लिक अफेयर्स ऑफिसर, लिक्सिल ग्रुप ने कहा, "हमारा मानना है कि सैटो की तकनीक खुले में शौच के खिलाफ भारत की लड़ाई का अहम हिस्सा बनेगी।” सैटो के आधुनिक शौचालय समाधान कुछ इस तरह से तैयार किये गये हैं कि यह एक पांच सदस्यों वाले परिवार में प्रति वर्ष 16000 हजार लीटर से अधिक पानी की बचत करेंगे।
डाइगो इशियामा, डायरेक्टर, प्रोडक्ट डिजाइन, सैटो ने कहा, “पारंपरिक शौचालयों में इस्तेमाल होने वाले पी-ट्रैप के कारण ही प्रत्येक बार फ्लश के लिए अधिक पानी (5 लीटर) खर्च होता था। हर बार इतने पानी के बहाव की वजह से शौचालय टैंक एक महीने के अंदर ही भर जाया करता था। सैटो सिस्टम में इस्तेमाल होने वाली हमारी आधुनिक तकनीक में प्रति फ्लश 500 एमएल कम पानी लगता है। ”
दीपक मित्रा, रीजनल बिजनेस लीडर, साउथ एशिया, सैटो ने आगे बताया, “हमारे पास यूपी के सभी जिलों में डीलर एवं खुदरा विक्रेताओं का विस्तृत नेटवर्क है क्योंकि यह हमारे लिए प्राथमिकता वाला राज्य है।
विशान अनेजा, ग्लोबल मार्केटिंग लीडर, सैटो, ने कहा, “हम स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत 2019 तक भारत को खुले में शौच मुक्त बनाने के लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इसके मद्देनजर सैटो उत्तर प्रदेश के लोगों को एक आधुनिक एवं स्थाई समाधान पेश करता है।”