आजादी की लड़ाई में गांधी जी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता: मुख्यमंत्री
लखनऊ:उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वदेशी और स्वावलम्बन से सम्बन्धित विचार आज भी प्रासंगिक हैं। उनके विचारों से हमें ऊर्जा मिलती है। देश के स्वतंत्रता आन्दोलन का सफल नेतृत्व करने वाले गांधी जी के विचार आज भी हम सब के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि गांधी जी के विचारों को अपनाते हुए हम स्वावलम्बन के पथ पर आगे बढ़ सकते हैं और समाज में खुशहाली ला सकते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने देश के स्वाभिमान की रक्षा के लिए डट कर खड़े होने का मार्ग दिखाया। उन्होंने देश के स्वाधीनता संग्राम में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
राज्यपाल ने यह विचार आज गांधी जयन्ती के अवसर पर हजरतगंज स्थित गांधी आश्रम में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि ये दोनों महान विभूतियां हमारे लिए आदर्श हैं। एक ने स्वराज्य के लिए संघर्ष किया तो दूसरे ने इसकी रक्षा करना सिखाया। प्रदेश की सरकार अब राज्य में विकास की गति को तेज कर रही है, जिसका लाभ गांव के लोगों के साथ-साथ शहरों के लोगों को भी मिलेगा। पूरे देश में स्वच्छता को एक अभियान के रूप में चलाया जा रहा है और प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजादी की लड़ाई में गांधी जी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। देश को जागरूक करने के साथ ही, उन्होंने देश की तरक्की और खुशहाली के सम्बन्ध में भी अपने विचार दिए हैं। उनके बताए मार्ग पर चलने से कोई भी देश को विकसित और खुशहाल बनने से रोक नहीं सकता। हम सभी को गांधी जी के दिखाए रास्ते पर चलने का संकल्प लेना चाहिए, क्योंकि यह शांति और सद्भाव की वृद्धि तथा प्रगति का रास्ता है।
इस अवसर पर योगी जी ने खादी पर दी जा रही सब्सिडी को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता ने स्वावलम्बन का जो संदेश दिया, उसका आधार खादी बनी। केन्द्र सरकार खादी को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री जी द्वारा विशिष्टजनों को बुके के स्थान पर खादी का रुमाल अथवा गमछा जैसे उत्पाद भेंट करने का सुझाव दिया गया है
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मुख्यमंत्री ने कहा कि खादी एक जन आन्दोलन है। इसे मजबूत करने की आवश्यकता है। यह गांवों से होने वाले पलायन को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्वावलम्बन की दिशा में खादी एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे स्वदेशी की भावना को बल मिलता है। इसके दृष्टिगत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी में सोलर चर्खे बांटे गए। उन्होंने चर्खे के माध्यम से गांवों के लोगों को स्वावलम्बी बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि सोलर चर्खा इसमें प्रभावी साबित होगा। गांधी जी ने चर्खे के माध्यम से ही स्वाधीनता के आन्दोलन को खड़ा किया और लोगों से जोड़ा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के ‘संकल्प से सिद्धि’ अभियान के लक्ष्य को इसके माध्यम से हासिल किया जा सकता है। इसके लिए ग्रामोद्योग को बढ़ावा देते हुए राष्ट्र को स्वावलम्बी बनाना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खादी को बढ़ावा देने के लिए सभी प्रयास करेगी।
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयन्ती पर उन्हें स्मरण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शास्त्री जी ने स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया और इसका सफल नेतृत्व किया। एक प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने विषम परिस्थितियों में राष्ट्र का क्षमतावान नेतृत्व करते हुए लोगों को अपने स्वाभिमान की रक्षा करना सिखाया। उन्होंने ‘जय जवान-जय किसान’ का नारा देते हुए देश को एकता के सूत्र में पिरोया। उनके अनुरोध पर पूरे राष्ट्र ने अनाज की कमी से निपटने के लिए उपवास रखना शुरू किया। सन् 1965 के पाक युद्ध में वे राष्ट्र के गौरव बने।
योगी जी ने दोनों विभूतियों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके बताए रास्ते पर चलने का जनता से आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गांधी जी स्वच्छता के प्रबल समर्थक थे और आज के परिप्रेक्ष्य में हम सब स्वच्छता को अपनाकर उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं।
इससे पूर्व, कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के उपरान्त राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।