ईंधन के ज्यादा दाम देश में किसानों की खुदकुशी का मुख्य कारण: शिवसेना
मुंबई: पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बढ़ने पर शिवसेना ने एक बार फिर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर तंज कसा है. शिवसेना ने कहा है कि कांग्रेस के शासन में कच्चे तेल का दाम 130 डॉलर प्रति बैरल था, लेकिन इसके बावजूद पेट्रोल और डीजल का दाम कभी भी क्रमश: 70 और 53 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा नहीं हुआ. इसके बावजूद विपक्ष सड़कों पर बढ़ी कीमतों को लेकर प्रदर्शन कर रहा था. लेकिन आज कच्चे तेल का दाम 49.89 डॉलर प्रति बैरल है, लेकिन इसके बावजूद लोगों को कम कीमतों का फायदा नहीं मिल रहा है. इसके बजाय पेट्रोल 80 रुपये और डीजल 63 रुपये प्रति लीटर की दर से बेचा जा रहा है. यह लोगों को लूटने जैसा है.
शिवसेना ने सवाल किया कि दुनिया भर में कच्चे तेल के दाम में गिरावट के बावजूद देश में इनके दाम क्या बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए जापान से लिए गए कर्ज के ब्याज को चुकाने के लिए ज्यादा रखे गए हैं. केंद्र और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ एनडीए के घटक शिवसेना ने दो दिन पहले कहा था कि ईंधन के ज्यादा दाम देश में किसानों की खुदकुशी का मुख्य कारण है.
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में छपे संपादकीय में कहा गया, 'जो लोग सरकार में हैं वह महंगाई पर बात नहीं करना चाहते और न ही दूसरों को बात करने देना चाहते हैं. ईंधन के दाम आसमान पर पहुंचने का दर्द आम आदमी झेल रहा है. सरकार में बैठे लोग अगर पिछले चार महीनों के दौरान इसके दाम में 20 बार की बढ़ोतरी का समर्थन करते हैं तो यह सही नहीं है.'