बुक फेयर: युवाओं का भा रही प्रतियोगी परीक्षाओं की नई किताबें
लखनऊ। पुस्तक मेला घूमने आई रिसर्च स्काॅलर फातिमा छूटते ही बोलीं- मैं कल आने वाली थी पर मिस कर गई पर इस बार बुक फेयर बहुत शानदार है, जिन किताबों की मुझे छह महीने से तलाश थी वह आज यहां पूरी हुई। रायबरेली से आए सत्येन्द्र बोले- बहुत अच्छा लगा। कला साहित्य, बच्चों की, प्रबंधन की, पकवानों की और अध्यात्म-राजनीति जैसे कितने ही विषयों की किताबंे उन्हें यहां सहज सुलभ हैं। मुनव्वर राना के फैन संतोष उनकी किताबों के संग शायरी की बेहतरीन किताबें खरीदकर बहुत प्रसन्न थे। एर्थ क्लास की रूबी और अवंतिका डिक्सनरी, एटलस और मनपसंद कहानियों की किताबें पाकर खुश थीं।
पुस्तक मेले में आज तीसरे दिन छुट्टी होने से यहां मोतीमहल वाटिका लान में चल रहे पन्द्रहवें राष्ट्रीय पुस्तक मेले में आने वाले युवाआंे की बदौलत खासी रौनक रही। खूब पढ़ो- खूब बढ़ो थीम पर आधारित इस पुस्तक मेले में प्रतियोगी परीक्षाओं, मेडिकल, इंजीनियरिंग, एमबीए, कम्प्यूटर टेक्नालाॅजी जैसे युवाओं के पंसदीदा विषयों की बहुत सी किताबें स्टालों पर हैं। आक्सफोर्ड प्रेस के संग लगे वाइली इण्डिया के स्टाल पर नीट, जेईई, कैट की नई किताबों के संग ही एमबीए जैसी प्रवेश परीक्षाएं क्लियर करने और बैंक, रेलवे आदि की वेकंेसी परीक्षाओं के लिए बहुत सी किताबें हैं। ओस्वाल पब्लिशर्स में आईएससी, आइसीएसई, सीबीएसई की हाईस्कूल और इण्टर के हर विषय की अच्छी अभ्यास पुस्तिकाएं हैं।
बाल व युवा मंच पर ज्योति किरन के संयोजन में चली प्रतियोगिताओं के साथ ही ज्वाइन हैण्ड्स फाउण्डेशन की ओर से तानसेन संस्था के युवा कलाकारों से सुगम संगीत की शाम सजायी। जय गणेश जय महादेव…स्तुति से शुरुआत प्रीति यादव व अभिषेक रमन ने की। इसमे बाद सचिन राजपूत, विशाल मिश्र, अभिषेक विश्वकर्मा, शिखर, हनी, अभिनव इत्यादि कलाकारों ने आर्गन पर योगेश व तबले पर बैठे सत्यम के साथ गीतों की झड़ी लगा दी।
मुख्य मंच पर आज दिन में लोगों ने सहज योग की क्रियाओं को सीखा। नवयुवा कवयित्री
इलिका त्रिपाठी की अंग्रेजी काव्य पुस्तक का विमोचन शिक्षाविद् जगदीश गांधी, वरिष्ठ पत्रकार राजा बोस, शिक्षिका आभा आनन्द, रौशन गांधी व रोली की उपस्थिति में हुआ।
रचयिता डा.सुधाकर अदीब के उपन्यासों पर चली परिचर्चा में डा.अमिता दुबे, संजय मालवीय, दयानंद पाण्डेय, पदम्कांत शर्मा प्रभात, अनूप श्रीवास्तव व स्वयं लेखक ने भाग लिया। निष्कर्ष यह कि इतिहास की छांव में सृजित साहित्य अपनी अलग पहचान बनती है। डाक्टर से मिलिए कार्यक्रम में नेत्र रोगों से बचाव को लेकर विशेषज्ञ डा.वंदना मिश्र ने सलाह दी तो डायटीशियन डा.संजीव पाण्डेय उचित खानपान के बारे में श्रोताओं को जागरूक किया। इस पुस्तक मेले के संयोजक रहे स्वर्गीय उमेश ढल स्मृति में आशुतोष बाजपेयी की अध्यक्षता व धीरज मिश्र के संयोजन में आयोजित काव्य समारोह आसमां की छांव में अभिजीत श्री, अमीर फैसल, रवीन्द्र सोनी, योगेश पाण्डेय, अनूपमणि त्रिपाठी व डा.मानसी द्विवेदी रचना पढ़ने के लिए आमंत्रित थे।