एकता का मूल नियम पाखंड पर आधारित ना हो: तंज़ीम अली कांग्रेस
लखनऊ: तंजीम अली कांग्रेस ने आज ’एकता’ से सम्बंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श हेतु ‘यूनीटी डे’ के नाम ‘एकता लॅान’ तहसीनगंज मे एक गोष्ठी का आयोजन किया. इस आयोजन का मक़सद विभिन्न धार्मिक समूहों के मध्य एवं धार्मिक समूहों के भीतर एकता के जज़्बे को बढ़ावा एवं पोषण देना था। इस अवसर पर शहर की एकता कीे पुरानी संस्कृति को याद किया गया, कि जब नगर में अकाल पड़ा तो नवाब आसिफृद्दौला ने नागरिकों को काम भी दिया और पैसा भी, बात में कीन थ्यौरी इसी पर आधारित हुई आज का मनरेगा भी इसी पर अधारित है। इसमें देश का विकास देखा गया किसी विशेष वर्ग, जाति या धर्म का ध्यान नहीं रखा गया, सभी को बराबर का अधिकार दिया गया।
आयोजन इन अर्थों में सार्थक और सफ़ल कहा जाएगा कि एक बिंदु पर सब एकमत थे कि धार्मिक कटुता के पीछे धार्मिक नेताओं का बहुत बड़ा हाथ है. धार्मिक और रजनैतिकि गठबंधन आम जनता के बीच धार्मिक सौहार्द की रविश को रोकने का काम कर रहा है.
इस औपचारिक गोष्ठी में षहर के विभिन्न धर्मो से विद्धान मौजूद थे। पयाम आज़मी साहब,नवाब जाफ़र मीर अबदुल्लाह, प्रोफेसर मुस्तफ़ा कमाल षेरवानी साहब, प्रोफेसर अनीस अषफ़ाक़ साहब, श्री अव्वास फ़रीदी, डाॅक्टर अनूप कुमार, श्री अमान अब्बास, श्री विक़ार रिज़वी, श्री संजय ओझा, श्री षन्ने नक़वी, श्री रेहान अहमद अंसारी, श्री प्रवीन भूषन, श्री एस. एन लाल आदि के नाम उल्लेखनिय हैं इनके अतिरिक्त तंजीम अली कांग्रेस के कार्यकर्ता व अन्य कई लोग मौजूद थे।