book fair: किताबों में उभरे स्वतंत्रता आंदोलन के चटख रंग
लखनऊ। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व वेला पर यहां मोतीमहल वाटिका लाॅन राणा प्रताप मार्ग में चल रहा राष्ट्रीय पुस्तक मेले की किताबें अपने भीतर आजादी के संघर्ष, अनेक क्रान्तिकारियों की गाथाओं के चटख रंग बयां करती दिख रही हैं। पुस्तक मेले में पुस्तकें न्यूनतम 10 प्रतिशत छूट पर मिल रही है।
नाॅलेज हब की ओर से यहां निःशुल्क प्रवेश वाले इस मेले में ‘भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का इतिहास’, ‘भारत में अंग्रेज़ी राज’, ‘मैं सुभाष बोल रहा हूूं’, ‘वीर सावरकर’, ‘भगत सिंह के पत्र’, ‘अठारह सौ सत्तावन’, ‘आज़ादी के दस्तावेज’, गांधीः एक असम्भव सम्भावना’, ‘1857 के बागी सिख’, ‘आजाद हिन्द फौज की कहानी’, जैसी बहुत सी किताबें प्रभात, लोक भारती, वाणी, एनबीटी जैसे यहां के विभिन्न स्टालों पर दिखाई दे रही हैं। स्वाधीनता संग्राम और क्रान्तिकारियों से सम्बंधित किताबों का बहुत बड़ा संग्रह प्रकाशन विभाग के स्टाल पर है। इसके अतिरिक्त अन्य सभी विषयों पर विविधता भरी पुस्तकें स्टालों पर हंै।
मेले में आज महंत द गाॅड फादर, आपरेशन लाॅग आउट’, ब्लडी मेरिट स्काॅलर्स जैसी किताबों के लेखक व रेलवे अधिकारी अमिताभ कुमार के स्टाल पर उनकी आज शाम तक कुल 180 किताबें बिक गईं। इसी मेले में उनकी नई किताब ‘सरपंच’ भी आजादी के दिन लोकार्पित होने वाली है। संयोजक देवराज अरोड़ा ने बताया कि स्वच्छता और पर्यावरण चेतना को जाग्रत कर रहा यह मेला नित्य सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक चलेगा।
सांस्कृतिक पाण्डाल में आयोजनों का क्रम आज निशीथ गुप्ता व शिखा गुप्ता के संयोजन में सहज योग से आत्म साक्षात्कार कार्यक्रम से प्रारम्भ हुआ। साहित्यिक आयोजनों में रोली शंकर श्रीवास्तव के उपन्यास ‘गुलमोहर एक यात्रा’ पर हुए संवाद में अनेक रचनाकारों ने अपने वक्तव्य रखे। काव्या सतत साहित्य यात्रा समूह के अलका प्रमोद के संचालन में चले कार्यक्रम में कैलाश निगम, ओम नीरव, सीमा अग्रवाल, संध्या सिंह, निवेदिता सिंह, निशा कोठारी, डा.मधु चतुर्वेदी, आदि ने रचना पाठ किया। डा.मंजूषा मोहन की अंग्रेजी पुस्तक ‘एन इनचैंटिंग टेल आफ डिवाइन लव’ के लोकार्पण समारोह में महेन्द्र भीष्म और मृत्युंजय मिश्र अतिथियों के तौर पर सम्मिलित हुए। प्रभात प्रकाशन की ‘मुझे यूपीएससी टापर बनना है’ के लेखक निशांत जैन ने उपस्थित युवाओं के सामने प्रतियोगी परीक्षा का लक्ष्य भेदने के गुर बताए और सवालों के जवाब भी दिए। काव्य समारोहों की शृंखला में डा.सुनील जोगी के संयोजन में प्रशासनिक अधिकारियों का विशिष्ट कवि सम्मेलन भी देर शाम प्रारम्भ हुआ।