क्रांतिकारियों की स्मृति को संजोकर रखना हमारा कर्तव्य है: राज्यपाल
लखनऊ:उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि काकोरी शहीद मंदिर केवल काकोरी या लखनऊ का ही नहीं बल्कि देश की स्वतंत्रता संग्राम का मंदिर है। पर्यटन के मानचित्र पर काकोरी को सम्मानजनक स्थान मिलना चाहिए जिससे देश विदेश के पर्यटक लखनऊ की ऐतिहासिक इमारतों के भ्रमण के साथ-साथ स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों के बलिदान के बारे में जानकारी पा सकें। स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले क्रांतिकारियों की स्मृति को संजोकर रखना हमारा कर्तव्य है। राज्य सरकार द्वारा सौन्दर्यीकरण के लिए रूपये 4.98 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है जिसमें से रूपये 2.49 करोड़ कार्यदायी संस्था को उपलब्ध करा दिए गए हैं और रूपये 1.30 करोड़ का अब तक उपयोग किया जा चुका है। काकोरी शहीद स्मारक का सौन्दर्यीकरण अनुमानित लागत तथा निर्धारित समय सीमा के अंदर पूरा हो। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय नागरिक एवं छात्र-छात्राओं के मन में यदि सौन्दर्यीकरण को लेकर कोई सुझाव होगा तो वे पत्र के माध्यम से राजभवन भेज सकते हैं।
राज्यपाल ने आज काकोरी शहीद स्मारक जाकर ‘काकोरी ट्रेन एक्शन‘ की 92वीं वर्षगांठ एवं ‘भारत छोड़ो आन्दोलन‘ की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर शहीदों की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर अपनी तथा प्रदेश की जनता की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की। काकोरी कन्या इंटर कालेज की कक्षा ग्यारह की छात्रा कु0 मन्तशा अली एवं बाबू त्रिलोकी सिंह इंटर कालेज के कक्षा नौ के छात्र शिवम रावत ने काकोरी शहीदों की जीवनी पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर सांसद श्री कौशल किशोर, विधायक श्रीमती जया देवी कौशल, श्री उदय खत्री, जिलाधिकारी श्री कौशलराज शर्मा एवं अन्य अधिकारी, अशफाक उल्ला एवं अन्य क्रांतिकारियों के परिजन, गणमान्य नागरिक सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्रायें उपस्थित थे। राज्यपाल ने इस अवसर पर काकोरी शहीद स्मारक में वृक्षारोपण भी किया।
श्री नाईक ने कहा कि देश को स्वतंत्रता दिलाने की लड़ाई सबने मिलकर लड़ी थी जिसमें हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई जैसा कोई भेदभाव नहीं था। आज सबसे बड़ी जरूरत उसी एकता और सौहार्द्र के आधार पर भारत को फिर से विश्व गुरू बनाने की है। 2025 तक भारत विश्व का सबसे युवा देश होगा। देश के नवनिर्माण के लिए युवा हमारी पूंजी एवं मानन संसाधन हैं। पूंजी का सही उपयोग होता है तो पूंजी बढ़ती है। उचित मार्गदर्शन के अभाव में भारत सहित विश्व के अनेक देश आतंकवाद से पीड़ित हैं। गलत रास्ते पर चलकर देश और मानवता का नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि हमें देश का नवनिर्माण करने के लिए संस्कारवान युवकों का निर्माण करना है।
राज्यपाल ने कहा कि 1857 देश की आजादी का पहला स्वातंत्रता समर था जिसे अंग्रेजों ने बगावत बताकर भ्रमित करने की कोशिश की थी। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आखिरी बादशाह बहादुर शाह जफर को अंग्रेजों ने रंगून में कैद करके रखा था। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को भी रंगून के माण्डला जेल में रखा गया था जहाँ उन्होंने गीता रहस्य जैसा ग्रंथ लिखकर लोगों को जागरूक करने का काम किया। राज्यपाल ने बताया कि अपने म्यांमार दौरे पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने बहादुर शाह जफर की दरगाह पर गए थे। उन्होंने कहा कि देश की स्वतंत्रता हमें ऐसे बलिदानियों के प्रयास से मिली है जिनका लक्ष्य स्वराज था जिसे सुराज में बदलने की आवश्यकता है।
श्री नाईक ने कहा कि हमें अपना इतिहास मालूम होना चाहिए। देश की आजादी के आन्दोलन में अगस्त माह का बहुत महत्व है। 9 अगस्त, 1925 भारत की आजादी की लड़ाई का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दिवस है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने काकोरी रेल घटना को अंजाम दिया तथा महात्मा गांधी ने ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ आन्दोलन की मुंबई से शुरूआत की थी। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का लक्ष्य लूट नहीं देश को आजाद कराने के लिए शस्त्र खरीदना तथा अंग्रेजी सत्ता के विरूद्ध जनजागरण पैदा करना था। 15 अगस्त को हमारा देश आजाद हुआ था। आजादी की लड़ाई के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले काकोरी क्षेत्र का नाम इतिहास में सदैव स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा। महापुरूषों को केवल श्रद्धांजलि अर्पित करके कर्तव्य पूरा नहीं किया जा सकता। हमें अपने शहीदों एवं महापुरूषों के विचारों के अनुकूल बनने का संकल्प लेना होगा। उन्होंने कहा कि युवाओं को उनके विचारों को आत्मसात करके देश के विकास में अपनी महती भूमिका निभानी होगी।
सांसद कौशल किशोर ने कहा कि हमारे शहीदों और क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश को आजाद कराया है। आज देश से गरीबी एवं बेरोजगारी को दूर करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गांधी जी के सपनों को साकार करने के लिए हमें संकल्प लेना होगा।