संवैधानिक लोकतंत्र, संवैधानिक उदारवाद में बदल जाए, जरूरी नहीं : जस्टिस चंद्रचूड़
मल्टी डिसिप्लीनरी ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सि (जेजीयू) ने आज दिल्ली के सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में अपनी 6ठी वार्षिक दीक्षांत समारोह आयोजित किया, जहां 401 स्नातक छात्रों को डिग्री, स्वर्ण पदक और पुरस्कार प्रदान किए गए. इस शानदार इवेंट, जो विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस भी था, में न्यायमूर्ति डी.वाय.चन्द्रचूड, सर्वोच्च न्यायालय, भारत सरकार के मंत्री कौशल विकास एवं उद्यमशीलता, राजीव प्रताप रूडी और शिखा शर्मा, प्रबंध निदेशक और चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर, एक्सिस बैंक मौजूद रहे और 2000 से अधिक छात्रों, अभिभावकों और संकाय सदस्यों को संबोधित किया.
इस अवसर पर बोलते हुए डॉ न्यायमूर्ति डी.वाय. चंद्रचूड, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के जज, इस बात पर प्रकाश डाला कि लैंगिक तटस्थ पैरेंटिंग इस समय की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि जब हमने इन वर्षों में प्रगति की है, तो शायद यह समय है कि हम महिलाओं के खिलाफ हिंसक अपराध क्यों कर रहे हैं, इसकी जांच करे. क्यों महिलाओं के खिलाफ अपराध रूक नहीं रहे है. हमारी तरफ से महिलाओं के लिए सुरक्षित स्थान बनाने का एक प्रयास होना चाहिए ताकि महिलाएं सार्वजनिक जीवन में समान सहभागी के रूप में आ सकें. कार्यस्थलों को सुरक्षित और सार्वजनिक परिवहन को अधिक सुलभ बनाने के लिए उपाय किए जाने चाहिए.