सपा का राष्ट्रीय अधिवेशन सितम्बर में
लखनऊ: यूपी चुनावों में करारी हार और लंबे समय से आतंरिक कलह से जूझ रही समाजवादी पार्टी अब नए तेवर और कलेवर में दिखने की तैयारी में है. सितंबर में पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन होने जा रहा है. उसमें पार्टी को नई धार देने के लिए अहम फैसले लिए जाने की उम्मीद है. पार्टी इसके जरिये युवा चेहरों को आगे बढ़ाने के साथ प्रदेश के विकास के एजेंडे को केंद्र में रखकर जन विश्वास को पुख्ता बनाने की कोशिश करने की योजना बना रही है.
सूत्रों के मुताबिक पार्टी के संविधान में भी आंशिक बदलाव होने की उम्मीद है. इसके चलते राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल पांच वर्ष किए जाने की उम्मीद है. स्थानीय स्तर पर पार्टी के ढांचे को आधुनिक बनाते हुए इनको नए संपर्क संचार साधनों से जोड़ा जाएगा. इसका मकसद सोशल नेटवर्किंग को बढ़ाना है.
बूथ स्तर से लेकर राष्ट्रीय टीम के पदाधिकारियों को नई तकनीकों के इस्तेमाल का प्रशिक्षण देने के लिए विशेष शिविर भी आयोजित किए जाएंगे. वैचारिक आधार को धार देने के साथ जन समस्याओं के लिए संघर्ष करने की योजना तैयार की जाएगी.
संगठनात्मक ढांचे में जो फेरबदल हो रहा है, उसकी पहली बड़ी परीक्षा 2019 का चुनाव होगा. उसी के लिहाज से यह पूरी कवायद की जा रही है. फिलहाल पार्टी इस बात से ज्यादा उत्साहित है कि सदस्यता अभियान के तहत 31 जुलाई तक एक करोड़ 28 लाख से अधिक नए सदस्य संगठन से जुड़े हैं. इनमें से तकरीबन 65 प्रतिशत युवाओं की संख्या है. करीब 11 लाख लोगों ने ऑनलाइन सदस्यता ली है. सूत्रों के मुताबिक सदस्यता अभियान के तहत 55 करोड़ रुपये से अधिक रकम जमा हुई है. इसके अलावा, बूथ, विधानसभा और जिलों में कमेटियों के गठन का काम जारी है.