मानस के जरिये समाज को अमृत दे गये तुलसीदास
लखनऊ। संत गोस्वामी तुलसी दास की रचित राम चरित मानस के जरिये पूरे समाज को अमृत दे गये। यहां अखिल भारत ब्राह्मण सभा, लखनऊ के तत्वाधान में ग्रेन मार्केट गनेशगंज में आयोजित संत तुलसी दास की जयन्ती पर वक्ताओं ने यह विचार रखे। कार्यक्रम की शुरूआत ग्रेन मार्केट स्थित तुलसी उद्यान में स्थापित संत गोस्वामी तुलसी दास की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुयी। इस मौके पर मौजूद लखनऊ जन विकास महासभा के संस्थापक संयोजक पंकज तिवारी, महामंत्री महेन्द्र नाथ तिवारी, राज किशोर शास्त्री, योगेन्द्र नाथ तिवारी, संदीप त्रिपाठी, संजय कुमार मिश्रा, सुरेश कुमार शर्मा, श्रीराम शुक्ल कवि, सत्यमोहन मिश्र, पुजारी रामानन्दचार्य आदि ने प्रतिमा पर माल्यार्पण किया, तत्पश्चात गीताभवन, लाटूश रोड पर गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें संत तुलसी दास के जीवन के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला गया। गोष्ठी की शुरूआत में सभा के महामंत्री महेन्द्र नाथ तिवारी ने तुलसी के कृतित्व का वर्णन करते हुये कहा कि पांच साल की अवस्था होते होते बिल्कुल अनाथ हो गये और उन्हें दरिद्रता का जीवन जीने को मिला, बावजूद इसके उन्होंने एक ऐसे महान ग्रन्थ राम चरित मानस की रचना की जो आज भी अमृत का काम कर रही है। इस मौके पर लखनऊ जन विकास महासभा के संस्थापक संयोजक पंकज तिवारी ने भी तुलसी दास के जीवन पर प्रकाश डालते हुये कहा कि उनकी लिखी रामचरित मानस सभी लोगों को जोड़ने का काम करती है। संगोष्ठी में विष्णुदास-बलिया, राम शरण यादव-बाराबंकी, रामनरेश मिश्रा, सुरेश शर्मा, मनोज मिश्र, कल्याण गोंडवी, आच्युत प्रपन्न रामानुजार्चा, आदि प्रबुद्ध लोगों ने भी अपने-अपने विचार रखे। अन्त में हिन्दू महासभा के नेता ओम प्रकाश मिश्र ने अपने विचार रखते हुये तुलसी दास के प्रति कृतज्ञता प्रकट की।