समानांतर सदन चलाने पर प्रदेश से माफी मांगे विपक्ष: शलभ मणि त्रिपाठी
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि चुनावों में बुरी तरह हार और योगी आदित्यनाथ जी की सरकार के शानदार काम से बौखलाया विपक्ष एक बार फिर जनादेश का अपमान कर रहा है। लखनऊ में विधानसभा से अलग समानांतर सदन चलाना पूरी तरह असंवैधानिक और गैरवाजिब है। प्रदेश की महान जनता विपक्ष का ये सारा तमाशा देख रही है और वक्त आने पर इसका जवाब भी देगी। लोकतंत्र में ऐसी राजनीति की कोई जगह नहीं है, विपक्ष के साथियों को अपनी बात सदन में रखनी चाहिए। समानांतर सदन चलाकर विपक्ष के साथी उन मतदाताओं का भी अपमान कर रहे हैं जिन्होंने मतदान के जरिए चुन कर उन्हें सदन में भेजा है। संविधान मे समानांतर सदन जैसी कोई व्यवस्था नहीं है ऐसे में समानांतर सदन चलाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और विपक्ष को इसके लिए प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि दरअसल विपक्ष योगी आदित्यनाथ जी की सरकार के शानदार फैसलों से घबराया हुआ है। सरकार संकल्प पत्र के वायदे तेजी से पूरा कर रही है। एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन हो या फिर बूचड़खानों पर पाबंदी और किसानों की कर्ज माफी। सरकार ने चार महीने के भीतर ही तेजी से ये तमाम वायदे पूरे किए हैं। यही नहीं प्रदेश के नौजवानों से संकल्प पत्र में किए गए उस वायदे को भी पूरा कर दिया गया है जिसमें लोकसेवा आयोग में भर्तियों के भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच की बात कही गई थी। पर दुर्भाग्यपूर्ण ये है कि लोकसेवा आयोग की भर्तियों और रिवर फ्रंट में हो रहे भ्रष्टाचार के वक्त खामोशी से सब कुछ देख रहे कांग्रेस और बीएसपी के साथी आज सीबीआई जांच के आदेश के बाद सदन में समाजवादी पार्टी के साथ जा खड़े हुए हैं। साफ है कि यूपी में हुई जनता की गाढी कमाई की लूट और प्रतियोगी छात्रों के साथ भर्तियों में हुई बेईमानी के मसले पर बीएसपी और कांग्रेस भी समाजवादी पार्टी का भरपूर साथ दे रही है और इसीलिए सदन का बहिष्कार भी कर रही है। प्रदेश की प्रबुद्ध जनता चुनावों में विपक्षी दलों के इस नापाक गठबंधन का करारा जवाब दे चुकी है और आगे भी इस मौकापरस्ती के गठबंधन का जवाब देगी।
शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि चुनावों में प्रदेश की जनता ने जब भारतीय जनता पार्टी को अपार समर्थन दिया था तब भी विपक्षी दलों ने ईवीएम मशीनों पर सवाल उठा कर जनादेश का अपमान किया था। इस तरह का भ्रम फैलाने की कोशिश की गई कि ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी कर चुनाव जीते गए। पर जब चुनाव आयोग ने ईवीएम मशीनों को हैक करने के लिए इन दलों को बुलाया तो कोई भी दल वहां नहीं पहुंचा। ऐसे में अब जबकि विपक्ष जनता के सामने पूरी तरह बेनकाब हो चुका है तब विपक्ष के साथी लोकतंत्र का माखौल उड़ाने में लग गए हैं। विपक्ष के लोगों ने समानांतर सदन चलाकर जनादेश के साथ मजाक किया है।