निठारी कांड: पंढेर, कोली को फांसी की सजा
नई दिल्ली: नोएडा के निठारी में दुष्कर्म और हत्या के कई मामलों में से एक में सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने व्यवसायी मनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को एक 20 वर्षीया युवती के अपहरण, हत्या और दुष्कर्म तथा आपराधिक साजिश रचने के मामले में मौत की सजा सुनाई। अदालत ने उन्हें शनिवार को दोषी ठहराया था। अदालत ने इसे ‘दुर्लभ से भी दुर्लभ’ मामला माना है। विशेष अदालत के न्यायाधीश पवन कुमार त्रिपाठी ने युवती के अपहरण, हत्या और दुष्कर्म तथा आपराधिक साजिश रचने के मामले में पंढेर और कोली के लिए सजा का ऐलान किया। सीबीआई ने 29 दिसंबर, 2006 को यह मामला दर्ज किया था और यह निठारी कांड में दर्ज आठवां मामला है। फैसला सुनाए जाने के वक्त कोली और पंढेर अदालत में ही मौजूद थे। अदालत का फैसला आने के तुंरत बाद दोनों को हिरासत में ले लिया गया। पंढेर जमानत पर रिहा चल रहा था। शनिवार (22 जुलाई) को अदालत ने दोनों को दोषी करार दिया था। तब अदालत ने अभियोजन पक्ष के वकील जे. पी. शर्मा की दलीलों पर गौर किया। शर्मा ने अदालत से कहा कि वैज्ञानिक तथ्यों से यह साबित हो चुका है कि कोली ने युवती का अपहरण किया, उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर उसकी हत्या कर दी। उसने सबूतों के साथ छेड़छाड़ भी की।
घटना पांच अक्टूबर, 2006 की है, जब पीड़िता अपने कार्यालय से घर लौट रही थी और निठारी में पंढेर के घर के सामने से गुजर रही थी। कोली ने महिला की हत्या कर उसका सिर धड़ से अलग कर दिया और खोपड़ी घर के पिछले हिस्से में फेंक दी, जिसे सीबीआई ने बाद में बरामद किया। खोपड़ी का डीएनए पीड़िता के माता-पिता के डीएनएस से मैच कर गया। कोली के पास बरामद पीड़िता के कपड़ों की पहचान भी उसके माता-पिता ने की थी। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पंढेर इस पूरी आपराधिक साजिश में शामिल था।
यह बेहद खौफनाक मामला 2006 में सामने आया था, जब पुलिस ने नोएडा के निठारी में स्थित पंढेर के घर के पास से 16 लोगों की खोपड़ियां और हड्डियां बरामद कीं, जिनमें से अधिकांश बच्चों की थीं। मामले के प्रकाश में आने से पहले निठारी की झुग्गियों से कई बच्चे गायब हो चुके थे। ऐसे बच्चों के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनकी शिकायतें नजरअंदाज कीं।