सरकारी बैंकों की संख्या घटाएगी सरकार
नई दिल्ली: केंद्र सरकार 3-4 ग्लोबल लेवल के बड़े बैंक तैयार करने के लिए कंसॉलिडेशन (एकीकरण) के एजेंडे पर तेजी से काम कर रही है और वह सरकारी बैंकों की संख्या घटाकर करीब 12 करेगी. यह बात एक गवर्नमेंट ऑफिसर ने कही है. ऑफिसर ने बताया कि मध्यम अवधि में 21 सरकारी बैंकों को कंसॉलिडेट करके 10-12 बैंक बनाए जाएंगे. ऑफिसर ने बताया कि थ्री-टियर ढांचे के हिस्से के तहत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के साइज के 3-4 बड़े बैंक होंगे.
ऑफिसर के मुताबिक, पंजाब एंड सिंध बैंक और आंध्रा बैंक जैसे कुछ क्षेत्र-केंद्रित बैंक स्वतंत्र इकाइयों के रूप में काम करते रहेंगे. इसके अलावा, कुछ मझोले आकार के बैंकों को भी वजूद सिस्टम में बना रहेगा. फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने पिछले महीने कहा था कि केंद्र सरकार पब्लिक सेक्टर के बैंकों के कंसॉलिडेशन पर सक्रियता के साथ काम कर रही है. हालांकि, उन्होंने यह कहते हुए इसका ब्योरा देने से इनकार कर दिया था कि यह एक प्राइस-सेंसिटिव इंफॉर्मेशन है. SBI के मर्जर से उत्साहित फाइनेंस मिनिस्ट्री इस फाइनेंशियल ईयर में ऐसे दूसरे प्रस्तावों को मंजूरी देने पर विचार कर रही है.
RBI के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन के मुताबिक, सिस्टम में कुछ बड़े बैंक, कुछ छोटे बैंक और कुछ लोकल बैंक रहेंगे. एक दूसरे ऑफिसर ने बताया कि पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक और बैंक ऑफ इंडिया जैसे बड़े बैंक अधिग्रहण के लिए संभावित बैंकों की तलाश कर सकते हैं. कंसॉलिडेशन की पिछली कवायद के तहत पांच एसोसिएट बैंक और भारतीय महिला बैंक 1 अप्रैल 2017 को SBI का हिस्सा बने थे.