‘‘ढलता सूरज‘‘
सूफी संत पीर भूल्लेशाह ने कहा है कि इस संसार में उगता सूरज तो चढ़ता व ढलता देखा है लेकिन ढलता सूरज कभी भी चढता नहीं देखा गया। उन्होने गाया कि ‘‘चढदा सूरज ढलता देखा बुझता दीया बलता देखा‘‘, हीरे दा कोई मौल न जान-खोटा सिक्का चलता देखा, जिन्हादा नही कोई जग में वो भी पुत्तर पलदा देखा, उसदी रहमत दे नाल बंदा पानी उत्ते चलदा देखा। लोगी कंहदे दाल नी गल्दी मैं तो पत्थर गलदे देखा, जिन्हा नू कदर नहीं कीती रब दी खाली हाथ वो मलदा देखा कुछ तो नगें पैरी फिरदे सिर ते लम्बहन छाया मेरा दाता मैनू सब कुछ दीता क्यों ना शुकर मनाया। ‘‘
भारतीय राजनीति ने पार्टियों व नेताओं के पतन से लेकर दफन तक के दौर देखे है। लेकिन इनके उत्थान व पतन के कारणों पर नजर डालते तो आदि से यही सत्य सामने आया कि व्यक्ति के उत्थान व पतन में उसके कर्म ही अहम रहे है। कोई दूसरा किसी के सुख व दुख का कारण नही है। श्री राम चारित मानस के रचियता पूज्य गुरूदेव गौस्वामी तुलसी दास जी महराज ने चैपाई के माध्यम से विश्व को सुन्दर दर्शन दिया है।
गोस्वामी जी लिखते है ‘‘काहू न कोई सुख दुःख कर दाता निज-करत कर्म भोग सब फल भ्राता। दूसरी चैपाई है। ‘‘कर्म प्रधान विश्व कर राखा जो जस करई तस फल चाखा, भल अनवल निज-निज करतूति-लहत सुयस अपलोक विभूति। सुधा, सुधाकर सुरसरि साधु-गरल अनल कलिमल सरि ब्याधु। देव-दानव, उॅच अरू नीचु, अमिअ सजीवनी माहरू मीचु माया-बह्मा जीव जगदीशा,लच्छ-अलक्ष्छ, रंक-अविनाशा-काशी मगध सुरसरि कर्मनाशा, स्वर्ग नरक अनुराग वैरागा, निगमागम, गुण दोष विभागा।
प्रथम चैपाई में वीरवर लक्ष्मण जी निषाद राज से कहते है भाई इस संसार में किसी दूसरे के सुख दुख का कारण कोई और नहीं है बल्कि व्यक्ति स्ययं ही अपने सुख दुख का कारण होता है। भगवान ने इस संसार को कर्म प्रधान कर रखा है जैसा कर्म (बीज) होगा वैसा ही फल पाएगा। भगवान श्रीकृष्ण जी गीता जी में ज्ञान देते हुए अर्जुन से कहते है जैसा कर्म करेगा बन्दे फल देगा भगवान यह है गीता का ज्ञान। यह सब सुख दुख पाप-पुण्य, लाभ, हानि, यश, अपयश, जो भी व्यक्ति को, परिवार को, पार्टी को, प्रदेश को, देश को, भोगना पडता है सब पूर्व में, वर्तमान में किये गए कर्माे का ही लेखा जोखा है। आज काग्रेस पार्टी हो कम्यूनिष्ट पार्टी हो, यह सब राष्ट्रीय पार्टी आज अपना अपना बजूद बचाने को छटपटा रही है। कम्यूनिष्ट पार्टी तो पतन से दफन की और तीव्र गति से बढ रही है। कांग्रेस पार्टी आज लोकसभा में मुख्य विपक्षी दल बनने की संसादों की संख्या में भी जीत कर नही आ पाई। कांग्रेस राज्यों में हुए चुनाव को देखे तो पंजाब छोडकर कर चारो खाने चीत हुई है। यह ढलता सूरज अस्ताचंल की और जा रहा है।
अब बात अगर राष्ट्रीय जनता दल (आर0जे0डी0) की करे तो लालू यादव खुद तो चारा घाटाले में फंसे है जेल भी हो आए। उनके चुनाव लड़ने पर भी रोक लगी है। अब वह अपने परिवार को पत्नी, पु़त्रों, पुत्रियों को भ्रष्टाचार में शमिल कर उनको भी अपने पद चिहन्हों पर चला रहे है। लालू परिवार 2019 लोकसभा चुनाव तक देश की राजनीति से अप्रसंांगिक हो चुका होगा। बिहार से बाहर तो उनका व उनके दल का कोई ठोस वजूद नही है। बिहार में भी वह घटक के रूप में ही सरकार मेें शामिल है। उनका बिहार में भी कुछ सीटों पर सिमटना इस बात का प्रमाण है कि वह वहां भी कुछ सीटों पर ही प्रभावी है। अब जब उनके यहां भ्रष्टाचार में शामिल पाए जाने पर उनके 18 ठिकानों पर एक साथ सीबीआई के छापों से सिद्ध हो गया है कि दाल में कुछ काला नही बल्कि लालू परिवार की पूरी दाल ही काली है। सी0बी0आई0-ई0डी0 की जांचो में उनके सहित पत्नी, पुत्रों पुत्रियों का शामिल होना उनके राजनीति में ढलते सूरज की तरह अस्त होने की और है। भारत वर्ष में जबसे सर्वाधिक लोक प्रिय, कर्मठ, ईमानदार राजनेता नरेन्द्र मोदी का आगमन हुआ तब से भ्रष्टाचारियों, तुष्टिकरणवादियों, परिवार वादियों की उल्टी गिनती शुरू हो गई। मोदी जी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में कालाधन पर एस0आई0टी0 गठित कर इस ओर संकेत दे दिया था, कि अब भारत में केवल और केवल पी0ओ0पी0 पालिटिक्स आॅफ परफारमैन्स की राजनीति ही होगी। 3 साल बेमिसाल, भ्रष्टाचार को चटाई धूल, खिल गया देश में कमल का फूल। उनके विश्वस्त भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित भाई शाह की कडी मेहनत, कुशल कार्य योजना रणनीति ने भी अन्य दलों को धूल धूसित करत दिया है। अब लोग कहते है ‘‘दुश्मन छाती पीट रहे है क्योकि 2019 में भी नरेन्द्र मोदी जीत रहे है‘‘ महान नेता नरेन्द्र भाई मोदी ने कालाधन पर, भ्रष्टाचार पर, आंतकवाद पर लगाम लगाने के लिए नोट बंदी की। विपक्षी पार्टियां हो हल्ला माचाती रही कई प्रदेशो के मुख्यमंत्री भी जनता को उकसाते रहे लेकिन न उनकी बात जनता ने सुनी बल्कि अपने योद्धा नरेन्द्र भाई मोदी के निर्णय को हाथों हाथ लिया। सम्पूर्ण विश्व ने नरेन्द्र भाई के जनता से मिले समर्थन को सराहा। अब देश को और आगे ले जाने के लिए आर्थिक स्थित को सुदृढ करने के लिए जीएसटी को लागू किया। उनकी लोकप्रियता से विरोधी बैचन है लेकिन अन्दर खाने वे सभी भी ठोस निर्णय पर मोदी जी को कुशल देश समर्पित मानते है। क्या मोदी जी ने दुनिया में भारत का मान नही बढाया? 5 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को रसोई गैस कन्नेकशन नही दिया? क्या जनधन खातो के माध्यम से 30 करोड़ से अधिक लोगो के खाते जीरो बैलेन्स पर नही खुलवाए, क्या 12 रूपया मात्र पर जीवन बीमा पालिसी करोडों लोगो को नही दी? करोडो लोगो के घरों में में शौचालय का निर्माण नही कराया गया? फ्रांस से विमान सौदे की मंजूरी नही दी, नौसेना, थल सेना, वायुसेना को आधुनिक नही बना रहे है? देश के वैज्ञानिक नित नए प्रयोग कर आसमान छूती सफलता नही अर्जित कर रहे है? क्या व्यापारियोें को करो के मकड़जाल से छूटकारा नहीं दिलाया? स्वरोजगार कौशल विकास योजना के तहत 10 करोड़ से अधिक युवाओं को बैंको से सस्ते ब्याज पर ऋण नही दिलाया? भारत के किसानों को फसल का उचित मूल्य, प्राकृतिक आपदाताओं से उनकी फसल बर्बाद होने पर बीमा नही दिया? इसी प्रकार सैकडों जनकल्याण योजनाए उन्होने देश को नही दी। भ्रष्टाचार से भारत 70 वर्षो से करराह रहा था इस कैंसर से देश को मुक्ति नहीं दिलायी, देश से भूख, भय भ्रष्टाचार मिटाने पर लगातार प्रहार नही कर रहे है?
भारत का उगता हुआ सूरज प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई है जिनका सूरज पूर्ण रूप से 2019 के बाद देश के साथ-साथ विश्व को ऊर्जा देगा। भारत में कहावत है जा पर कृपा राम की होई-ता पर कृपा करे सब कोई। लालू यादव उनका परिवार, पार्टी, मुलायम सिंह उनका परिवार पार्टी, मायावती जी, काग्रेस, कम्यूनिष्ट पार्टियंा आदि राजनीति का ढलता सूरज बन चुकी है।