लखनऊ: आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने गुरुवार को इस वित्त वर्ष की पहली तिमाह के नतीजे जारी किए। पहली तिमाही में टीसीएस का नेट प्रॉफिट घटकर 5,950 करोड़ रुपए रह गया है। जबकि पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में टीसीएस का मुनाफा 6187.6 करोड़ रुपये रहा था। टीसीएस की दो साल में यह सबसे बड़ी तिमाही गिरावट है। साल दर साल के हिसाब से इस तिमाही में टीसीएस का पैट 5.82 प्रतिशत गिर गया है। कंपनी का कहना है कि Q1 मुनाफे पर वेतन वृद्धि का प्रभाव 150 आधार अंक था। कंपनी द्वारा कमाई की जानकारी देने बाद गुरुवार को टीसीएस के शेयर फ्लैट 2,444 रुपए पर क्लोज हुए।

थॉमसन रॉयटर्स के डेटा के मुताबिक विश्लेषकों का अनुमान था कि टीसीएस का शुद्ध लाभ 6181 करोड़ रुपये रहेगा। पिछले तिमाही में इसी अवधि में टीसीएस का नेट प्रॉफिट 6,317 करोड़ रुपए था। वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही में टीसीएस की आय 0.2 फीसदी घटकर 29584 करोड़ रुपये रही है। वित्त वर्ष 2017 की चौथी तिमाही में टीसीएस की आय 29642 करोड़ रुपये रही थी। टीसीएस के नतीजों को लेकर विश्लेषकों का कहना है कि कंपनी के नतीजे अनुमान के मुताबिक नहीं रहे हैं। उम्मीद जताई गई है कि कल के कारोबारी दिन में स्टॉक पर टीसीएस के नतीजों का असर दिखाई पड़ सकता है। स्टॉक में 2 से 3 प्रतिशत की गिरावट की उम्मीद है।

वहीं, खबरे आ रही है टीसीएस अपना लखनऊ स्थित दफ्तर बंद करने पर विचार कर रहा है। जिसके चलते वहां काम करने वाले कर्मचारियों में हड़बड़ी मच गई है। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें टीम लीडरों ने बता दिया है कि यहां से काम समेटा जा रहा है। कहा जा रहा है कि इस साल के अंत तक ज्यादातर प्रोजेक्ट्स दूसरी जगहों पर शिफ्ट कर दिए जाएंगे। इन अटकलों को लेकर कर्मचारियों ने राज्य के सीएम योगी आदित्य नाथ से मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कहा है। इसके अलावा कर्मचारियों ने पीएम नरेंद्र मोदी, सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद और राज्य के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा को पत्र लिखा है। वर्तमान में टीसीएस के लखनऊ स्थित ऑफिस में 1500 से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी काम करते हैं।